डीएम ने अवैध मदिरा के निर्माण एवं तस्करी पर अंकुश के लिए तहसीलवार टीमें की गठित 15 से 25 अक्टूबर तक चलेगा विशेष प्रवर्तन अभियान: हर्षिता माथुर
रायबरेली, 17 अक्टूबर । जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा कि अवैध मादक पदार्थों के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी की संभावना के दृष्टिगत 15 से 25 अक्टूबर 2023 तक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है जिसमें अवैध मदिरा के निर्माण एवं बिक्री तथा तस्करी तथा अवैध अल्कोहल के परिवहन पर अंकुश लगाये जाने हेतु समस्त तहसीलवार टीमो का गठन किया है। जिलाधिकारी ने आबकारी, पुलिस एवं राजस्व प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर प्रभावी प्रवर्तन कार्य सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि पूरे जनपद में विशेष प्रवर्तन अभियान चलाकर अवैध शराब के निर्माण, तस्करी, परिवहन आदि पर प्रभावी अंकुश लगाया जाये। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए प्रत्येक तहसील में उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी तथा आबकारी निरीक्षक विशेष रूप से सक्रिय रहेंगे। पूरे जनपद में 6 प्रवर्तन दलों का गठन किया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह टीमें अवैध मदिरा के कार्य में संलिप्त पाये जाने पर आवश्यकतानुसार गैंगस्टर/गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत कठोरतम कार्यवाही की जाये। संदिग्ध वाहनों की सघनता एवं सूक्ष्मता से चेकिंग कराई जाए और राष्ट्रीय/राज्य राजमार्ग पर स्थित ढाबो, जहां अल्कोहल के टैंकर प्रायः रूकते है, की भी संघ एवं आकस्मिक जांच करायी जाये। इन टीमों द्वारा जनपद में अवैध मदिरा के चिन्हित संदिग्ध स्थानों तथा अवैध मद्य निष्कर्षण के बिक्री के अड्डों से चेकिंग पर छापेमारी की कार्यवाही की जाये। आबकारी दुकानों एवं थोक अनुज्ञापनों का निरीक्षण चेकलिस्ट के अनुसार किया जाये। स्टाक के बारकोड व क्यू0आर0कोड की सूक्ष्मता एवं सतर्कतापूर्वक स्कैनिंग/जांच की जाये। देशी/विदेशी मदिरा/बियर एवं माडल शाप की फुटकर बिक्री की दुकानों पर ओवर रेट के सम्बन्ध में रैंडम टेस्ट परचेज की कार्यवाही भी की जाये। उन्होंने कहा कि असेवित क्षेत्रों तथा ऐसे स्थानों जहां पर मदिरा की दुकानें अवयवस्थित है, अथवा मदिरा की दुकानें वहां से अन्यत्र स्थानांतरित कर दी गई है तो उन क्षेत्रों में मदिरा की अवैध कारोबार की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए सतर्क निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि अल्कोहल युक्त औषधियों एवं टिंचर का शराब के रूप में दुरुपयोग को रोकने के लिए ड्रग विभाग के सहयोग से ऐसे दुकानों का निरीक्षण कर नमूने आहरित किये जायें और जांच में सब-स्टैण्डर्ड पाये जाने पर उनका अनुज्ञापन निरस्त करने की कार्यवाही ड्रग विभाग द्वारा करायी जाये।