देवमदिर संरक्षणार्थ पदयात्रा 16 जनवरी को
लखनऊ: भारत राष्ट्र का प्राण धर्म है और धर्म यहाँ के करोड़ों मंदिरों में बसता है पर विडंबना यह है कि आज अपने भारतवर्ष में ही लाखों मन्दिर उपेक्षित एवं परित्यक्त अवस्था में पड़े हैं। कितने ही मन्दिर खंडहर बन चुके हैं, कितने ही मन्दिरों की छतें ढह चुकी हैं, कितने ही मन्दिरों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, कितने ही देवालयों में विग्रह खण्डित हैं और बहुतों में देवताओं के लिए भोग, पूजा एवं आरती तक की व्यवस्था नहीं है। बावड़ियाँ और पुष्करणियाँ मलबे और गंदगी के ढेर में बदल चुकी हैं। पवित्र नदियाँ नालों में परिवर्तित हो चुकी हैं या सूख चुकी हैं।
यह धर्मप्राण कहे जाने वाले देश के लिए गर्व का विषय नहीं है। अपूजित देवताओं के कुपित होने से विविध विघ्न एवं विपदाएँ उत्पन्न होती हैं। ऐसे उपेक्षित देव स्थानों की संख्या लाखों में है। केवल लखनऊ में ही धर्मरक्षा समिति द्वारा ऐसे तीन सौ से अधिक स्थान चिह्नित किये गये हैं। समस्त हिंदू रक्त का यह उत्तरदायित्व है कि वह इन देवस्थानों के संरक्षणार्थ एवं पुनरूद्धारार्थ तन-मन-धन एवं वचन से संपूर्ण सहयोग करें।
इस अनिवार्य विषय पर सभी हिन्दुजनों का, सभी धर्मप्रेमियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘धर्म रक्षा समिति सप्तर्षिकुलम की लखनऊ, इकाई द्वारा समिति के कार्यालय से डालीगंज पुल के नीचे स्थित ‘प्राचीन श्री नृसिंह मन्दिर’ तक इस विशाल पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सभी धर्मिष्ठों की सहभागिता वांछित है।