दो देशों ने जताई मिशन से जुड़ने की इच्छा, ‘PM गति शक्ति’ में दिलचस्पी ले रहे पड़ोसी
नई दिल्ली: भारत के लॉजिस्टिक प्लेटफॉर्म पीएम गति शक्ति को पड़ोसी देश भी अपनाने के बारे में सोच रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, नेपाल और बांग्लादेश ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। भविष्य में पीएम गति शक्ति के मैप में ये देश भी शामिल हो सकते हैं। मामले से जुड़े अधिकारी ने हिन्दुस्तान को बताया कि नेपाल और बांग्लादेश की तरफ से ऐसी इच्छा जाहिर की गई है कि उन्हें भी इस मिशन के मैप का हिस्सा बनाया जाए।
भारत की सीमाएं दोनों देशों से जुड़ती हैं और तमाम मार्गों द्वारा इन देशों के साथ कारोबार होता है। ऐसे में इन देशों की इच्छा है कि वहां के सामान और लोगों के आवागमन की लागत घटने का फायदा उठाया जाए। अधिकारी के मुताबिक अभी ये बातें शुरुआती स्तर पर हुई हैं। आने वाले दिनों में इस बारे में व्यापक विचार विमर्श होगा, तथा इसे नीतिगत अमलीजामा पहनाया जाएगा।
इस योजना का औपचारिक ऐलान 15 अगस्त 2021 को पीएम मोदी ने किया था। उसके बाद उसी साल अक्टूबर में लॉन्च किया गया। तब से अब तक इसे काफी विस्तार दिया जा चुका है। अगर भारत के पड़ोसी देश भी इस योजना का हिस्सा हो जाते हैं तो वहां के परिवहन संसाधन जुड़ने से इन देशों में कारोबार की लॉजिस्टिक लागत काफी हद तक घट जाएगी।
साथ ही कच्चे माल का आयात और निर्यात दोनों सस्ते हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम गति शक्ति-मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉन्च किया था। ये मूल रूप से बुनियादी ढांचों की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना है। रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म है।