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प्रोमोटर्स से निर्बाध पत्राचार सुनिश्चित करने हेतु उ.प्र. रेरा ने नए दिशा-निर्देश जारी किये

उ.प्र. रेरा को विभिन्न माध्यमों से यह ज्ञात हुआ कि कुछ प्रोमोटर्स द्वारा परियोजना/ प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के समय उपलब्ध कराये गए मोबाइल नम्बर अक्रियाशील/ उपयोग में नहीं है और बंद पड़े है। कुछ प्रकरण ऐसे भी प्राप्त हुए जिसमें उपलब्ध कराये गए मोबाइल नम्बर या तो कोई उठाता नहीं हैं या बात चीत में उपयुक्त उत्तर प्राप्त नहीं होता है। इसी प्रकार उ.प्र. रेरा से पत्राचार हेतु प्रोमोटर्स द्वारा अलग-अलग प्रक्रिया अपनायी जा रही है जिनमें कोई एकरूपता नहीं है। कुछ प्रकरण ऐसे भी प्राप्त हुए जिसमें प्रोमोटर्स द्वारा किये जाने वाले पत्राचार में पत्र के आधिकारिक होने का कोई आधार उपलब्ध नहीं होता है।

उक्त के दृष्टिगत उ.प्र. रेरा ने प्रोमोटर्स को अपने हितधारकों, विशेष रूप से खरीदारों, से निर्बाध संवाद सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किये है जिसके अनुसार प्रोमोटर द्वारा अपना या अपने किसी प्रतिनिधि का, जिनका मोबाइल नंबर नियामक प्राधिकरण में उपलब्ध कराया गया है, उसपर काल रिसीव करने तथा समुचित जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने को कहा गया है। यदि किसी वृहद स्तर की परियोजना में हेल्पलाइन नम्बर दिये गए है तो प्रोमोटर उस नंबर के क्रियाशील रखने और उपभोक्ताओं/ खरीदारों को समुचित उत्तर देने की व्यवस्था अविलम्ब सुनिश्चित करेंगे।

इसके अतिरिक्त उ.प्र. रेरा से पत्राचार हेतु प्रोमोटर द्वारा अधिकृत किये गए व्यक्ति का नाम, पदनाम, मोबाइल नम्बर, ई-मेल आईडी, आवासीय पता, कार्यालय का पता आदि नियामक प्राधिकरण को उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, नियामक प्राधिकरण के साथ प्रत्येक पत्राचार में पत्र प्रेषित करने वाले का नाम, पदनाम तथा मोबाइल नम्बर का स्पष्ट उल्लेख किया जाये। इसके लिए प्रोमोटर संस्थान द्वारा जिस प्रतिनिधि / अधिकारी, एक या एक से अधिक, को अधिकृत किया गया है अथवा किया जाने वाला है उनका विवरण उ.प्र. रेरा के मुख्यालय तथा क्षेत्रीय कार्यालय में उपलब्ध करा दिया जाए।

प्रोमोटर संस्थान द्वारा अधिकृत व्यक्ति/ अधिकारी द्वारा किया गया पत्राचार ही मान्य होगा तथा किसी अन्य द्वारा किया गया कोई भी पत्राचार मान्य नहीं होगा। इसके लिए उ.प्र. रेरा के पोर्टल, www.up-rera.in, पर प्रोमोटर्स के डैशबोर्ड पर उपयुक्त सूचना उपलब्ध कराने के लिए एक फॉर्म की व्यवस्था की गयी है और प्रोमोटर्स से इस सम्बन्ध में तत्परता अपेक्षित है।

प्रोमोटर्स रियल एस्टेट क्षेत्र के महत्वपूर्ण हितधारक है और बतौर निर्माणकर्ता उनकी जवाबदेही और उपलब्धता उ.प्र. रेरा एवं ग्राहकों/ खरीदारों के लिए अनिवार्य तथा अति-आवश्यक है। अधिकृत प्रतिनिधि या अधिकारी की जानकारी होने से पत्राचार के आधिकारिक होने की पुष्टि होती है तथा आवश्यकतानुसार उन्हे सम्पर्क करना आसान हो जाता है और संवाद की एक सुदृढ़ प्रणाली बनती है।

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