फ्री राशन लेने वालों के लिए जरूरी खबर, सरकार ने कड़े किए नियम
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया गया। अब 81.35 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त अनाज दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दिसंबर, 2023 तक अनाज दिया जाएगा। इस सब्सिडी पर 2 लाख करोड़ रुपए का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाने से पहले कुछ ऐसे नियम हैं जिन्हें जान लेना जरूरी है। वरना आगे चलकर आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार द्वारा घोषित नियमों के मुताबिक अगर आपके पास अपनी आय से अर्जित 100 वर्ग मीटर का प्लॉट या फ्लैट या फिर मकान है तो आपको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। वहीं अगर आप किसी चौपहिया वाहन के मालिक हैं तो उस स्थिति में भी आपको इस योजना से वंचित कर दिया जाएगा। गांव में दो लाख से अधिक की पारिवारिक आय और शहर में सालाना तीन लाख आय वाले लोग भी मुफ्त राशन का लाभ नहीं उठा सकते हैं। उन्हें अपने राशन कार्ड जमा कराने होंगे।
अगर अपनी जानकारी छुपाकर इस योजना का लाभ लेते हैं और स्क्रूटनी में सच्चाई सामने आ जाती है तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आपका राशन कार्ड तो रद्द कर ही दिया जाएगा, साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत भी लाभार्थियों को चावल के लिए 3 रुपए प्रति किलो, गेंहू 2 रुपए प्रति किलो और मोटे अनाज के लिए 1 रुपए प्रति किलो देना पड़ता था, लेकिन अब गरीबों को खाद्य सुरक्षा पूरी तरह मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के तहत 5 किलो अनाज जिन लोगों को मिल रहा था और अंत्योदय योजना के तहत जो लोग 35 किलो अनाज के हकदार थे, वे सब इसमें समाहित होंगे।
गोयल ने बताया कि 28 महीने तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को पांच किलो राशन का इंतजाम किया गया, जिससे किसी को भूखा नही सोना पड़े। अब ऐतिहासिक फैसले में मुफ्त अनाज का ऐलान किया गया है। एक आकलन के मुताबिक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से केंद्र सरकार ने गरीबों को 3.90 लाख करोड़ रुपये का मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया है। इस योजना की समयसीमा 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। अब इसे नई योजना में समाहित कर दिया गया है।