मृत समझकर बेटे को कर दिया था सुपुर्द-ए-खाक, 6 माह बाद वापस लौटा घर
मुजफ्फरपुर| बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रहने वाला एक परिवार की खुशी का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा, जब उनका बेटा 6 माह बाद लौट आया. परिजन उसे मृत मानकर उसे दफना चुके थे. बेटे को अपनी आंखों के सामने जिंदा देखकर माता-पिता की आंखों से आंसू आ गए.
दरअसल, 16 दिसंबर 2022 को मोहम्मद एहताम अंसारी को मोबाइल चोरी के आरोप में पीटा गया था. इसके बाद उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था. हर किसी को लगा कि वह मर चुका है. परिजनों ने शव की शिनाख्त करते हुए उसे सुपुर्द-ए-खाक भी कर दिया था.
बता दें, उतर प्रदेश के तिलहर में 16 दिसंबर 2022 की रात ट्रेन संख्या 14205 अयोध्या-दिल्ली एक्सप्रेस की जनरल बोगी में एक महिला यात्री का फोन चोरी हो गया था. उसी ट्रेन में एहताम अंसारी अपने दोस्त के साथ सफर कर रहा था.
महिला के शोर मचाने के बाद शक होने पर तलाशी ली गई थी. एहताम के पास से फोन बरामद हो हुआ था. फिर ट्रेन में मौजूद युवकों ने एहताम और उसके दोस्त की पिटाई की थी. इसके बाद चलती ट्रेन से दोनों को नीचे फेंक दिया था. दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन की चपेट में आने से उनमें से एक की मौत हो गई थी.
तिलहर में हुई घटना की सूचना जीआरपी शाहजहांपुर को लगी, तो तुरंत ही बरेली जीआरपी को दे दी गई. इसके बाद बरेली जीआरपी ने आरोपी की पिटाई करने वाले आरोपी युवक नरेंद्र को जेल भेज दिया था.
इस मामले में पिटाई और ट्रेन से फेंके जाने वाला मृत युवक जिंदा अपने घर पहुंच गया. घर लौटे युवक ने अपने परिजनों को बताया कि ट्रेन से फेंके के बाद वह घायल बदहवास जंगल के रास्ते एक आश्रम में पहुंचा. वहां साधु-बाबाओं ने उसकी देखभाल की और वह स्वास्थ्य हो गया, तो अपने घर आ गया.
एहताब के पिता मो. याकूब ने बताया कि हमने अपने बेटे को बाहर भेजा था. बेटा के साथ उसका दोस्त भी था. ट्रेन से दोनों को धक्का मारकर नीचे फेंक दिया गया था. इसमें मेरे बेटे के दोस्त की मौत हो गई थी.
मगर, मेरा बेटा जंगल की वजह से बच गया. हालांकि, उसकी याददाश्त चली गई. हम लोगों को इंटरनेट की माध्यम से उसका पता चला. फिर हम उसे घर लेकर आए. बेटे के घर आने से हम लोग काफी खुश हैं.