यहां है पांडवों की बनाई वो स्वर्ग की सीढ़ी, जिसकी रक्षा आज भी करता है ‘खौफनाक’ जीव !
हमारे देश में कई सारे मंदिर हैं। जिनका इतिहास हजारों साल पुराना होने के बाद भी उस काल से जुड़ी चीजों को आज भी सजोये हुए है जिसके बारें में हमने पौराणक ग्रंथों में तो पढ़ा है लेकिन उसकी सच्चाई से कोई अवगत नही हो पाया है।
आज हम आपको एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर के बारे में बता रहे है जिसका इतिहास एक, दो या 50 वर्ष पुराना नहीं बल्कि 5 हजार साल पुराना है। जो महज एक मंदिर नहीं बल्कि एक रास्ता है जो सीधे जाता है स्वर्ग की ओर… तो जानें इस जगह के बारें में..
हजारों साल पुराने बने इस मंदिर में महाभारत काल से जुड़ा एक ऐसा रहस्य छुपा है। जो पांडवों काल से जुड़ी बातो को बताता है। यह बात तो हर कोई जानता हैं कि महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने स्वर्ग की यात्रा की थी जिसमें उन्होनें स्वर्ग तक पहुंचने का रास्ता बनाया था इसके लिये एक लंबी सीढ़ी का निर्माण भी किया था। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में ही पांडवों ने स्वर्ग जाने की सीढियां बनवाई थीं।
अब इस मंदिर को बाथू की लड़ी के नाम से लोग जानते है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मंदिर को बनाने में जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है उसे बाथू का पत्थर कहा जाता है और लड़ी इसलिए क्योंकि यहां कुल आठ मंदिर हैं, जिन्हें दूर से देखने पर एक माला में पिरोए हुए प्रतीत होते हैं।
अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इसी स्थान पर स्वर्ग जाने के लिए सीढियों को बनाने का निश्चय किया था। हालांकि यह काम काफी कठिन था जिसके लिये इन्होनें श्रीकृष्ण से मदद की गुहार लगाई थी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने 6 महीने की एक रात कर दी, लेकिन इतने लबें समय के बावजूद भी स्वर्ग की सीढियां तैयार नहीं हो पाईं।