यूएस के राजदूत ने की भारत के एनएसए की तारीफ, कहा- दोनों देशों की नींव काफी मजबूत
नई दिल्ली: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि डोभाल एक अंतरराष्ट्रीय खजाना हैं। दरअसल, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अमेरिकी राजदूत ने हिस्सा लिया था।
भारत-अमेरिका की नींव मजबूत
इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के एक गांव का लड़का डोभाल न केवल एक राष्ट्रीय खजाना, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय खजाना बन गया है। आज जब मैं अमेरिका और भारत के बीच की नींव को देखता हूं, तो पाता हूं कि यह बहुत मजबूत है। इतना स्पष्ट है कि भारत के लोग अमेरिकियों से प्यार करते हैं और अमेरिका के लोग भारतीयों से प्यार करते हैं।
भारत की डिजिटल क्रांति के मुरीद हुए गार्सेटी
इतना ही नहीं, अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी भारत की डिजिटल क्रांति के मुरीद हैं। उन्होंने दिल्ली में यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) मीट में डिजिटल पेमेंट और वित्तिय प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति की जमकर तारीफ की। एक कार्यक्रम में बोलते हुए एरिक ने कहा कि जब मैं भारत में डिजिटल पेमेंट और वित्तिय तकनीक को देखता हूं, तो मैं मानता हूं कि हमने दुनिया को हैरान कर दिया है। एक गांव में एक चाय वाला भी अपने फोन में सरकार से सीधे रुपये लेता है…वो भी पूरे के पूरे 100 फीसदी रुपये उसे मिलते हैं।
भारत में 4जी-5जी से ज्यादा शक्तिशाली व्यक्ति
उन्होंने कहा कि हाल ही में मैंने भारत में कई धर्मों के नेताओं के एक समूह के साथ डिनर किया, उनमें से एक ने कहा कि हमने 4जी, 5जी और 6जी के बारे में कई बाते सुनी हैं, लेकिन यहां भारत में हमारे पास इससे अधिक शक्तिशाली कुछ है-वह है ‘गुरुजी’। एरिक ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन यह देखकर उत्साहित है कि भारत में क्या हो रहा है। हम पीएम मोदी की राजकीय यात्रा के लिए तत्पर हैं। बता दें, पीएम मोदी 22 जून को वाशिंगटन की यात्रा पर जाएंगे।
भारत में जेक सुलिवन आए
इस बीच, दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार को अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से मुलाकात की और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने पहले ही दिन आम लोगों से जुड़े हितों पर बात की।