यूपी: पहले चरण के लिए थमा चुनाव प्रचार, इन 8 सीटों पर कल होगा मतदान, आज रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
लखनऊ। प्रदेश में पहले चरण की 8 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 19 अप्रैल को होगा। गुरुवार को मतदान स्थलों के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। लोकसभा चुनाव वाले जिला निर्वाचन अधिकारियों को समय से पोलिंग पार्टियां रवाना करने के निर्देश दिए गए हैं। ये जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने दी। प्रथम चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (अजा),मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला ईवीएम में लॉक हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केन्द्रों और पोलिंग बूथों पर मतदाताओं व मतदान कर्मियों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैय्या कराने के निर्देश दिये गये है। पोलिंग पार्टियों के रवाना होने से पहले सभी मतदान कर्मियों को हीट स्ट्रोक से बचने और बेहतर स्वास्थ्य के लिए मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के समय ऐसे मतदाता जिनके पास अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र न हो, वे 12 अन्य वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखा कर मतदान कर सकेंगे। वैकल्पिक पहचान पत्रों में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंको/डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्र,राज्य सरकार,लोक उपक्रम और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों-विधायकों-विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान पत्र और यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्गत कार्ड मतदेय स्थलों (पोलिंग बूथ) पर मतदाताओं की पहचान के लिए अनुमन्य होंगे।
नवदीप रिणवा ने यह भी स्पष्ट किया कि बीएलओ द्वारा दी गई मतदाता सूचना पर्ची को पहचान दस्तावेज के रूप में मान्य नहीं किया जाएगा। मतदाताओं को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए उपर्युक्त में से कोई एक वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज लाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा प्रवासी निर्वाचकों को केवल उनके मूल पासपोर्ट के आधार पर ही पहचाना जाएगा।