ये लक्षण साफ इशारा करते हैं कि कहीं आपको कैंसर तो नहीं, इन बातों का रखें ध्यान
आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा में युवक व युवतियों में अब समान रूप से मुंह व गले का कैंसर हो रहा है। 40 या उससे कम उम्र के लोग इसका ज्यादा शिकार हो रहे हैं। अस्पतालों में 20 फीसदी से अधिक मरीज इस उम्र के पहुंच रहे हैं। इनमें समान रूप से यह बीमारी पाई जा रही है। धूम्रपान व तंबाकू (चबाने वाले) का सेवन मुख्य वजह माना गया है।
एसएन मेडिकल कॉलेज कैंसर रोग विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरभि गुप्ता ने बताया कि विभाग में वर्ष 2021 से अब तक 1286 कैंसर के मरीजों ने इलाज कराया है। इसमें 61 फीसदी पुरुष व 39 फीसदी महिलाएं व बच्चे हैं। बच्चों की संख्या एक से दो फीसदी है। ओपीडी में दिखाने वाले कुल मरीजों में सर्वाधिक संख्या मुंह व गले के कैंसर के मरीजों की रहती है। दूसरे स्थान पर ब्रेस्ट कैंसर, तीसरे पर सर्वाइकल कैंसर और चौथे स्थान पर ब्लड कैंसर के मरीजों की संख्या रहती है। इसके खाने की नली व बड़ी आंत के कैंसर के मरीज रहते हैं। फेफड़े, मुंह व गले का 90 फीसदी कैंसर तंबाकू के सेवन की वजह से होता है।
पुरुषों में सर्वाधिक मुंह व गले का कैंसर पाया जा रहा है। इसके बाद फेफड़े का कैंसर, बड़ी आंत व खाने की थैली का कैंसर हो रहा है। वहीं, महिलाओं में सर्वाधिक ब्रेस्ट कैंसर और उसके बाद सर्वाइकल कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, खाने की नली का कैंसर, पित्त की थैली का कैंसर पाया है।
डॉ. सुरभि गुप्ता बताया कि तंबाकू का किसी रूप में सेवन कैंसर कारक है, इससे बचना चाहिए। युवकों में धूम्रपान की वजह से तो युवतियों में तंबाकू चबाकर खाने की वजह से मुंह व गले का कैंसर अधिक हो रहा है।
जिला अस्पताल के क्लीनिक ओंकोलॉजिस्ट डॉ. भूपेंद्र चाहर का कहना है कि शुरुआती स्टेज पर कैंसर का इलाज शुरू होने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं। इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। खाना निगलने में परेशानी होना, मुंह में बार-बार छाले होना, खाना अटकना, पेशाब की आदत में बदलाव, पेशाब रुक-रुक कर आना, अनियमित रक्तस्राव, अधिक थकावट लगना, लंबे समय तक खांसी रहना और खांसने पर खून आना, महिलाओं में गंदे पानी की शिकायत, अपच, पेट का फूलना और बच्चों में बुखार लंबे समय तक रहना, शरीर में गिल्टियां होना, वजन कम होना, भूख न लगना शुरुआती लक्षण हैं। इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।