रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के रुहेलखण्ड हिस्टोरिक फोरम की व्याख्यान ऋंखला आयोजित
बरेली,20 मार्च । महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के प्राचीन इतिहास एवं सांस्कृतिक विभाग के रुहेलखंड हिस्टोरिक फोरम की व्याख्यान श्रृंखला में कल माननीय कुलपति के निर्देशन में गुरुकुल कांगड़ी ड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार की प्रोफेसर रेनू शुक्ला जी के व्याख्यान का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह के द्वारा मुख्य वक्ता का स्वागत उद्बोधन दिया गया।
उन्होंने बताया कि रुहेलखंड हिस्टोरिकल फोरम की स्थापना विभाग में 2017 में हुई जिसका उद्देश्य शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों के वैचारिक मंथन और भारतीय इतिहास में जागरूकता प्रदान करना है। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर रेनु शुक्ला ने वर्तमान में महात्मा गांधी के दर्शन की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि गांधी भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी प्रसिद्ध है। वर्तमान में सामाजिक शांति और सौहार्द बनाने के लिए महात्मा गांधी जी के मार्गदर्शन पर चलना आवश्यक है। जिसमें अहिंसा का पथ सर्वोपरि है विचार, वाणी और संतुलन का नाम ही गांधी है। आत्मीय स्वतंत्रता से ही उन्होंने बताया कि गांधी जी के दर्शन में अहिंसा नहीं बल्कि हिंसा मजबूरी की निशानी है कार्यक्रम में प्रोफेसर सुबोध धवन जी ने गांधी जी की जीवनी दर्शन और विचारों पर चलने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर वर्तमान तक गांधी जी के आचरण और व्यवहार की प्रासंगिकता को उजागर किया। रोहिलखंड हिस्टोरिकल फोरम की संयोजक डॉक्टर प्रिया सक्सेना ने कार्यक्रम में मंच संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर पवन सिंह द्वारा किया गया। फोरम के सहसंयोजक डॉ अनूप रंजन मिश्रा उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण प्रोफेसर आशुतोष प्रिया, प्रोफेसर भोला खान, प्रोफेसर संतोष अरोड़ा, प्रोफेसर इसरार, डॉ अजीत सिंह, डॉ रुचि द्विवेदी, डॉकामिनी, डॉ प्रतिभा सागर कार्यक्रम में उपस्थित रहे। शोध छात्र शाहनवाज आलम, जूही सिंह, सुदेश यादव तथा एम ए के छात्र अभय प्रताप, प्रतीक्षा, ईशा, दीक्षा, भूमिका रितिशा, रीतू, जूही सभी ने सहयोग किया।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट