उत्तर प्रदेश

रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय का 21वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

बरेली , 11 नवम्बर। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के 21वें दीक्षान्त समारोह, का भव्य आयोजन महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में कल सम्पन्न हुआ जो विश्वविद्यालय की कुलाधिपति भी है। समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी उत्तर प्रदेश सरकार रहीं । समारोह में 79 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं 148 शोध छात्रों को शोध उपाधि प्रदान की गई । 100 आंगनवाड़ी सेविकाओं को किट प्रदान की गई एवं 30 निर्बल आय वर्ग के बच्चों को पुस्तक एवं उपहार प्रदान किए गए । समारोह विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित हुआ जिसमे 700 से अधिक लोग उपस्थित रहे । भव्य आयोजन मे विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षकों सम्मानित जनप्रतिनिधियों प्रशासनिक अधिकारियों जिला प्रशासन के अधिकारियों प्रबुद्ध जनबर्ग एवं बड़ी संख्या में मीडिया कर्मियों की उपस्थिति रही। दीक्षांत समारोह का लाइव प्रसारण यूट्यूब और फेसबुक पर भी किया गया जिसे 500 से अधिक महाविद्यालयों ने लाइव टेलीकास्ट देखा गया। समारोह में रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय कीऔर प्रगति आख्या प्रस्तुत की ।

माननीय कुलपति जी द्वारा स्वागत भाषण एवं संक्षिप्त प्रगति आख्या-

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षान्त समारोह के गौरवपूर्ण अवसर की अध्यक्षता कर रहीं माननीया राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी इस गरिमामय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रो० अनिल सहस्रबुद्धे जी, अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (NETF), अध्यक्ष, कार्यकारी परिषद राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (ECNAAC), अध्यक्ष राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NBA) समारोह की विशिष्ट अतिथि श्रीमती रजनी तिवारी जी, माननीय राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार, कार्यपरिषद् व विद्यापरिषद् के सम्मानित सदस्यगण समारोह में प्रत्यक्ष व ऑनलाइन उपस्थित जनप्रतिनिधिगण, विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारीगण, मीडिया के सजग प्रतिनिधिगण उपस्थित सम्माननीय संभ्रान्त अतिथिगण, प्रिय विद्यार्थियों, देवियों और सज्जनों!

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षान्त समारोह के शुभ अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार की ओर से मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करते हुए आभारी हूँ कि आप लोगों ने उपस्थित होकर हमारा मनोबल बढ़ाया।

माननीय कुलाधिपति एक श्रेष्ठ शिक्षक माननीय विधायक एवं सांसद के रूप में एक जनप्रिय जनप्रतिनिधि तथा गुजरात प्रदेश की माननीय मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री जैसे उच्चस्थ पदों पर अपनी अविस्मरणीय सेवाएं दे चुकी हैं।
महिला उत्थान, शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य की लोक आस्था की प्रतिमूर्ति, विदुशी, जनमानस की प्रेरणास्रोत दूरदर्शी एवं कुशल प्रशासक, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा का कायाकल्प करने वाली माननीय राज्यपाल महोदया का माननीय कुलाधिपति के रूप में समस्त विश्वविद्यालय परिवार हृदय की गहराईयों से स्वागत करता है।

दीक्षान्त समारोह के इस गरिमामय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो० अनिल सहस्रबुद्धे जी अध्यक्ष, NETE, अध्यक्ष, EC NAAC तथा अध्यक्ष NBA हैं। आप भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर के पूर्व छात्र, आई0आई0टी0 गुवाहाटी के प्रोफेसर तथा ए०आई०सी०टी०ई० के चेयरमैन भी रह चुके हैं। आपके नेतृत्व में इन संस्थानों में ऐतिहासिक परिवर्तन एवं विकास के साथ-साथ जीवन्तता एवं नवाचार की सरिता बही है आपको देश-विदेश के अनेकों प्रतिष्ठित पुरस्कारों से | सम्मानित किया जा चुका है। विश्वविद्यालय परिवार आपका मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करता है।

दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित श्रीमती रजनी तिवारी जी, माननीय राज्य मंत्री उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार, आप कुशल राजनीतिज्ञ, लोकप्रिय जनप्रतिनिधि हैं आपकी शैक्षिक और प्रशासनिक दक्षता शिक्षा जगत के लिए अत्यंत लाभकारी है। आपका व्यक्तित्व विद्यार्थियों के लिए बहुत प्रेरणादायक है। आपको साधुवाद।

आज यह विश्वविद्यालय 09 संघटक महाविद्यालय, 27 राजकीय, 29 अनुदानित व 522 स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के साथ उत्तर भारत के विशालतम् विश्वविद्यालयों में से एक है जो अपने 06 लाख से अधिक विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देते हुए निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है और क्षेत्र की सेवा में अनवरत योगदान दे रहा है। 1975 में सम्बद्ध विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होने व 1985 से आवासीय सह-सम्बद्ध विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होने के साथ अनवरत अपने दृढ़ निश्चय, दूरदृष्टि, लगन, कर्मठता एवं कार्य प्रणाली से इस विश्वविद्यालय ने देश व प्रदेश में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। आज इसके 36 विभागों एवं उत्कृष्टता केन्द्रों व 587 से अधिक महाविद्यालयों के द्वारा अध्ययन-अध्यापन व शोध की सरिता सतत् प्रवाहित हो रही है। विश्वविद्यालय परिवार अपने नित-नवीन प्रतिष्ठा के लिये बधाई का पात्र

है। सत्र ( 2022 2023) में विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली को A रैंकिंग प्रदान की गई है। यह उपलब्धि माननीय कुलाधिपति महोदया की प्रेरणा, उत्साहवर्धन, सतत् निगरानी एवं मूल्यांकन के फलस्वरूप प्राप्त हो पाई है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों की कर्मठता, समर्पण, लगन, उच्च कोटि के शिक्षण एवं शोध पाठ्यक्रम चयन मूल्यांकन तथा परिणाम, विश्वविद्यालय की बुनियादी सुविधाएं एवं संसाधन, संगठन एवं प्रशासन व्यवस्था, इस सफलता की प्रमुखतम विशेषताएं हैं। विश्वविद्यालय का एडु रैंकिंग में देश के टाप 100 विश्वविद्यालयों में आना तथा शेष राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करना हम सबके लिए गर्व का विषय है। Our best practices of imparting quality education to school childrens from very humble background like rickshapulars, Thelewala, labours, washerman etc. And diffently abled children, preserving the cultural heritage of Rohilkhand region through “Panchal Museum” were highly appreciated by NAAC peer team. Our University distinctiveness of establishing and running Rohilkhand Incubation Foundation (RIF) as a section-8 company promoted by the University to nurture start-up and enterprenuerial activity was also the point of attraction for the NAAC

peer team and University scored full marks for that.

A very dedicated team of University is deeply involved in data maping and gap analysis, teaching learning and resources, research and professional practice, graduation outcome, outreach and inclusivity and peer perception, to seek a respected place of high ranking in NIRF, QS ranking. Times higher ranking etc.. University has started its own International multi disciplinary peer reviewed research general OMNISCIENT and Newsletter

this year onward. एम. जे. पी. रूहेलखंड विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी रूप से कियान्वित करने वाला अग्रणी राज्य विश्वविद्यालय है एवं उसके अनुरूप प्रभावशाली शैक्षणिक सुधार किए गए हैं। वर्ष 2022 2023 में रिकॉर्ड संख्या में विषय पाठ्य समिति आयोजित किए गए है, जहां यूजी और पीजी के सभी पाठ्यक्रमों को एनईपी 2020 के अनुरूप संशोधित किया गया है। बड़ी संख्या में core courses, basic supporting courses, open elective courses 3 skill oreirented courses को induct किया गया है। शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित शोध निदेशालय शिक्षकों के लिए University supported new entrant seed grant, foreign travel grant, innovative research project grant तथा छात्रों के लिए research teaching assistanceship schemes शुरू करने वाला प्रदेश का पहला राज्य विश्वविद्यालय है। कई भारतीय एवं विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ Dual/Joint degree / certificate programs तथा joint research projects शुरू किए हैं। विश्वविद्यालय का copyright pending research management system देश और विदेश के research scholars को attract कर रहा है। विश्वविद्यालय में साढ़े तीन हजार से भी अधिक research scholars हैं तथा उनमें से छः सौ से अधिक NET और JRF हैं। विश्वविद्यालय का copyright pending, College Management System सम्बद्ध एवं संघटक महाविद्यालयों को परेशानी रहित प्रवेश परीक्षा एवं परिणाम की उत्तम सेवा दे रहा है। जिसके माध्यम से शिक्षकों एवं परीक्षकों की नियुक्तियां स्वतः ऑनलाईन होती हैं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 09 संघटक महाविद्यालय शुरू करने वाला प्रथम विश्वविद्यालय है और नई शिक्षा नीति में Multi-disciplinary Educational and Research University (MERU) की अवधारणा के सर्वाधिक अनुकूल हैं। इस विश्वविद्यालय में Science, Arts, Social Science, Humanities, Law, Pharmacy, Engineering, Medical, Para-medical, Nursing Agriculture, Fisheries, Food Science, Fashion Designing, Home Science, Education Languanges के लगभग सभी कोर्सेस पढ़ाये जाते हैं। और विश्वविद्यालय में जहां एक ओर Artificial Intelligence, Drone Technology, IOT, Data Sceince, Mechatronics, 3-D printing, Business Analytics, Nanotechnology, Bio-polymerce, Carbon Credits, Defence Technology, Precission Agriculture, जैसे आधुनिक कोर्स पढ़ाये जा रहे हैं। वहीं Indian Knowledge system, Hindi, Sanskrit, Pali, Indian Ethics, Ayurveda, Yoga, Indian Philosophy, Indian percussion and Vocal Music, Indian Heritage and Culture courses जैसे courses में भी छात्रों की रूचि बढ़ी है। विश्वविद्यालय में स्थापित अटल सेन्टर फार आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स, महिला अध्ययन उत्कृष्टता केन्द्र, कंसल्टेंसी सेल, Directorate of International Relation, Directorate of Social and Corporate Relation, Institute Innovation council, Grass Root Innovation Centre, जैसे केन्द्र विश्वविद्यालय की 360 डिग्री Growth में सहयोग कर रहे हैं। अधिकतर विभागों में स्थापित Student Experiential Learning Groups, Students साथ-साथ भविष्य का को real hands on training के Global Citizen बनने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। विश्वविद्यालय ने NEP-2020 की Internationalization की गतिविधि के तहत अमेरिका, पोलैंड, इजराइल, ताईवान, जापान, फ्रांस, जर्मनी, नेपाल के कई विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं और उनको सतत् क्रियाशील बनाया जा रहा है विश्वविद्यालय ने एक वर्ष में दो सौ पी-एच०डी० डिग्री एवं 50 से अधिक पेटेन्ट फाइल किए हैं जो विश्वविद्यालय की अन्तर्राष्ट्रीय रैंकिंग को बढ़ाने में मदद करेंगे। विश्वविद्यालय

का कॉरपोरेट प्रोफेशनल एवं Experienced Government officials

के लिए शुरू किया गया पार्ट टाईम पीएचडी कार्यक्रम कॉफी पॉपुलर हो रहा हैं जिसमें विभिन्न विषयों में मिलिट्री ऑफीसर्स IAS and IPS officers तथा न्यायिक सेवा के अधिकारी प्रवेश ले रहे हैं। International research scholar के एडमिशन तथा International supervisor approval को आसान किया गया है जिस कारण बड़े रिसर्च लैब के छात्र व वैज्ञानिक हमारा हिस्सा बन रहे हैं। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा सभी पीएच.डी. थीसिस शोधगंगा वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं।

पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को रिकॉर्ड संख्या में करोड़ों रुपये की अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं और उत्कृष्टता केंद्र परियोजनाएं भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न एजेन्सियों द्वारा प्रदान की गई है। विश्व के प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय कैलीफोर्निया द्वारा जारी विश्व के टाप 2% वैज्ञानिकों की सूची में रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के 37 फैकल्टी मेम्बर्स को स्थान मिला है। विश्वविद्यालय में एक छात्र केंद्रित “विश्वविद्यालय छात्र सहायता केंद्र (यूएसएससी)” स्थापित किया गया है जहां छात्रों से संबंधित सभी सेवाएं जैसे डीएसडब्ल्यू चीफ प्रॉक्टर और एनएसएस से संबंधित सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई गई है। कोरोना महामारी के कारण पटरी से उतर गये शैक्षणिक कैलेंडर को नियमित करने का प्रयास किया गया है जो आगामी सेमेस्टर से पूर्णतः नियत हो जाएगा।

विश्वविद्यालय परिसर और उसके संबद्ध महाविद्यालयों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करते हुये प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार किये गए है एवं राजभवन द्वारा प्रदत्त 59 प्रपत्र विश्वविद्यालय के सुधार में मील का पत्थर साबित हुए हैं। कल ही राजभवन के द्वारा 61 नये प्रपत्रों को जोड़ा गया है जो विश्वविद्यालय की समस्त सूचनाओं को एक स्थान पर केन्द्रित करते हुए विश्वविद्यालय की पारदर्शिता और दृश्यता को बढ़ायेंगे। विश्वविद्यालय की जीरो वेस्ट डिस्चार्ज एवं जल संचय व्यवस्थाएं प्रेरणादायक हैं। विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लिए “शिक्षक सम्मान पुरस्कार”, लाइफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड जैसी नई योजनाएं शुरू की गयी हैं पर्यावरण की रक्षा के लिए और हरित परिसर को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया गया है और एक पूर्ण विकसित इलेक्ट्रिक वाहन और मोबाइल चार्जिंग सेंटर की स्थापना की गई है। संकाय और छात्रों में डिजिटल बैंकिंग लिटरेसी को बढ़ाने के लिए बैंक आफ बड़ौदा की डिजिटल ब्रान्च तथा एच०डी०एफ०सी० बैंक की ई-लॉबी प्रारम्भ की गयी है।
विश्वविद्यालय के पांचाल संग्रहालय को उन्नत कर पूर्णतः डिजिटल हाईटेक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। संग्रहालय को दर्शकों / आगंतुकों द्वारा बड़े पैमाने पर सराहा गया है और यह संग्रहालय बरेली का सर्वाधिक लोकप्रिय destination बनता जा रहा है।

विश्वविद्यालय ने सामाजिक दात्यियों की पूर्ति हेतु कई गांवों को गोद लिया और कोरोना महामारी के दौरान उन्हें सहायता प्रदान की है। एनएसएस के माध्यम से अमूल्य सामाजिक सेवाएं प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के एक छात्र को भारत के माननीय राष्ट्रपति से सत्र 2022 में एवं विश्वविद्यालय की छात्रा संजना सिंह 2023 में सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हुआ। एक डे-केयर सेंटर स्थापित किया गया है। निर्बल आय वर्ग के बच्चों की स्कूल शिक्षा हेतु विश्वविद्यालय ने पं. दीनानाथ मिश्र इण्टर कालेज को उच्चीकृत कर बच्चों को बेहतर सुविधाए प्रदान की हैं। स्कूल अब नियमानुसार गठित प्रबंध समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है और वर्तमान में यू०पी० बोर्ड के जनपद बरेली के अग्रणी स्कूलों में से एक है। विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक भूमिका का विस्तार करते हुए दिव्यांगजनों के लिए दिशा स्कूल को भी अपना लिया है और इसे केजी से पीजी तक एक स्कूल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है।

विश्वविद्यालय ने बड़ी संख्या में टीबी रोगियों को अपनाकर उन्हें पोषण और दवाएँ प्रदान की हैं। जिसकी dedicated website विश्वविद्यालय संचालित करता है। अपनी सामाजिक भूमिका को समझते हुए विश्वविद्यालय ने बड़ी संख्या में गरीबी रेखा से नीचे की गर्भवती महिलाओं को पोषण प्रदान किया। विश्वविद्यालय ने एक पूरी तरह से विकसित और कार्यात्मक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र (Health Care Centre) की स्थापना की जिसमें डिजिटल x- रे मशीन के साथ गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा उपलब्ध है प्रभावी परिणाम के लिए विश्वविद्यालय ने राजश्री मेडिकल कॉलेज, बरेली के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और राजश्री कॉलेज के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य देखभाल केंद्र सभी के लिए खुला है और स्थानीय प्रशासन की मदद से विभिन्न रक्तदान शिविर और स्वास्थ्य देखभाल शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं।

रूहेलखण्ड इनक्यूबेशन फाउंडेशन द्वारा अकादमिक सत्र 2022-23 में विभिन्न प्रकार के एंटरप्रेन्योरशिप एवं इनोवेशन के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स मीट 2023 आईडियाथॉन-2023, राष्ट्रीय महिला एंटरप्रेन्योरशिप सम्मिट-2023 उत्तर प्रदेश ग्लोबल सम्मिट – 2023 इत्यादि
प्रमुख कार्यक्रम हैं। रूहेलखंड इक्वेशन फाउंडेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय महिला एंटरप्रेन्योर समिट- 2023 में पूरे देश से लगभग 500 प्रतिष्ठित महिला उद्यमियों ने सहभागिता की और अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके अतिरिक्त रूहेलखंड इनक्यूबेशन फाउंडेशन द्वारा छात्र-छात्राओं के मध्य एंटरप्रेन्योरशिप और इन्नोवेशंस को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय आइडियाथॉन कार्यक्रम का आयोजन कराया गया, जिसमें देशभर के विश्वविद्यालय तथा तकनीकी संस्थानों से लगभग 400 छात्र-छात्राओं ने अपने 100 से अधिक बिजनेस आइडियाज का प्रस्तुतीकरण किया । आईडियाथॉन के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को माननीय राज्यपाल महोदया द्वारा सम्मानित किया गया।

रूहेलखण्ड इनक्यूबेशन फाउंडेशन ने अब तक लगभग 50 से ज्यादा स्टार्टअप्स के स्थापित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वर्ष विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय के छात्रों द्वारा स्थापित किए गए दो बिजनेस स्टार्टअप Exhime pvt Ltd o Kroto pvt Ltd को उनके बिजनेस को मजबूत और प्रसार करने के उद्देश्य से दिल्ली व मुम्बई के वेंचर कैपेटिलिस्ट (VC) द्वारा रुपए 3 करोड़ से अधिक की वित्तीय मदद प्राप्त हुई है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के स्टार्ट इन यूपी विभाग द्वारा एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए रूहेलखण्ड इनक्यूबेशन फाउंडेशन के दो बिजनेस स्टार्टअप्स को विस्तार करने के उद्देश्य से नॉन-रिफेंडेवल “मार्केटिंग कैपिटल सीड” के रूप में प्रत्येक को रूपये 11 लाख की वित्तीय सहायता हेतु चयनित किया गया है। रुहेलखण्ड इनक्यूबेशन फाउंडेशन द्वारा इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित करने और उनके बिजनेस आईडियाज को नर्चर करने के उद्देश्य से

विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में बूट कैंप चलाए जा रहे हैं। रुहेलखण्ड इनक्यूबेशन फाउंडेशन के सहयोग से अपना बिजनेस स्टार्टअप्स चला रहे इंजीनियरिंग संकाय के पूर्व छात्र श्री आदित्य नाथ मिश्रा को भारत के अतिमहत्त्वपूर्ण एवं विश्व की सबसे बड़ी एंटरप्रेन्योरियल यात्रा “जागृति यात्रा: एक पंद्रह दिवसीय रेल यात्रा” के लिए युवा उद्यमी के रूप में स्टार्ट-इन-इंडिया द्वारा इस यात्रा हेतु चुना गया।

विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों के सुचारू एवं सफल संचालन एवं छात्र सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए उनकी छुपी हुई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें वर्ष 2022-23 में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए न्यूज लेटर संस्कृति का प्रकाशन एवं विद्यार्थियों द्वारा कल्चरल कनफ्लुएंस पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है। सांस्कृतिक केंद्र के विद्यार्थियों द्वारा भारतीय विश्वविद्यालय संगठन एवं उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर द्वारा दिनांक 12- 13 जनवरी, 2023 को आयोजित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय यूथ फेस्टिवल में भी रूहेलखंड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा गायन, पारंपरिक लोक नृत्य, ऑन स्पॉट फोटोग्राफी वाद विवाद और मेहंदी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर न केवल शानदार प्रदर्शन किया गया बल्कि विभिन्न श्रेणी में पुरस्कार जीत कर रुहेलखंड विश्वविद्यालय को प्रदेश स्तर पर गौरवान्वित भी किया है। इसके साथ ही साथ समय-समय पर विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता रहा है जिसमें विविधता में एकता दिवस 26 सितंबर 2022 को, प्रतियोगिता की श्रृंखला रिदम 2022 एवं 2023 जिसके अंतर्गत नृत्य, लोक गायन, नाटिका, वाद्य यंत्र संबंधी प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र के अंतर्गत 4 कल्चरल क्लब (डांस, ड्रामा, संगीत एवं योग) की स्थापना, स्टूडेंट काउंसिल की स्थापना विभिन्न तकनीकी, मीडिया, नृत्य, साहित्य, अभिनय, आईसीटी फाइन आर्ट डेकोरेशन आदि से संबंधित 11 समितियों की स्थापना की गई है जिसका संचालन विद्यार्थियों द्वारा किया जाता है। विद्यार्थियों को अभिनय, संस्कृति और लोक कलाओं की विभिन्न विधाओं में पारंगत करने हेतु वाद्य यंत्रों की व्यवस्था भी की गई है और साथ ही साथ इन वाद्य यंत्रों को सिखाने के लिए प्रशिक्षकों की व्यवस्था भी की गई है वर्ष पर्यंत सांस्कृतिक केंद्र द्वारा लगभग 30 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न राष्ट्रीय दिवस, वीर बाल दिवस, Logo प्रतियोगिता, काव्य पाठ प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिताएं भाषण प्रतियोगिताएं क्विज प्रतियोगिताएं आदि शामिल है। इसी क्रम में जिला स्तर पर आधारित नृत्य प्रतियोगिता में भी सांस्कृतिक केंद्र के विद्यार्थियों द्वारा प्रथम पुरस्कार प्राप्त करके जनपद में भी अपना स्थान सुचित किया। इसी के साथ-साथ अक्टूबर 2023 में रिदम 2023 जिसमें विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं कराई गई, वहीं द्वितीय द्विदिवसीय फिल्म ब्रज फेस्टिवल का आयोजन भी किया गया जिसमें 50 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन किया गया तथा 27 फिल्मों में से प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रोफेशनल, गैर प्रोफेशनल लघु फिल्म आदि श्रेणी में नवांकुर निर्देशको द्वारा शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक विषयों पर बनाई गई फिल्मों को दिखाया गया और उन्हें यहां से जो है आगे बढ़ने का मंच प्रदान किया गया। इसी क्रम में दिशा स्कूल के दिव्यांग बच्चो के लिए भी 45 दिन का नृत्य प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया और पंडित दीनानाथ स्कूल के विद्यार्थियों के लिए 15 दिवसीय लोक नृत्य कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।
विश्वविद्यालय में रुहेलखंड “एलुमनाई एसोसिएशन एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में स्थापित की गयी है। रुहेलखंड एलुमनाई एसोसिएशन में एलुमनाई के पंजीकरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन है। रुहेलखंड एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा एलुमनाई मीट प्रत्येक वर्ष में एक बार अवश्य कराई जाती है जिसमे देश-विदेश में कार्यरत एलुमनाई अपनी सहभागिता प्रदान करते है एवं एलुमनाई छात्रों की ट्रेनिंग, इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट में अमूल्य योगदान प्रदान कर रहे हैं।

खेल सुविधाओं को मजबूत और उन्नत किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप दीनदयाल उपाध्याय स्पोर्टस काम्पलेक्स सभी उच्च स्तरीय सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। आज माननीय कुलाधिपति महोदया के कर कमलों से एक नए स्पोर्ट्स हॉस्टल के लोकार्पण से खिलाड़ियों को सुगम ठहरने की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो गयी है।

विश्वविद्यालय द्वारा कई राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय अंतर विश्वविद्यालय- एथलेटिक और खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी हैं। विश्वविद्यालय में नॉर्थ जोन पुरुष प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर भारत की 69 टीमों ने प्रतिभाग किया प्रतियोगिता में 800 खिलाड़ी, 138 टीम मैनेजर और कोच ने वॉलीबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

सत्र 2023-24 में विश्वविद्यालय ने 07 गोल्ड मेडल 09 सिल्वर मेडल और 12 कांस्य मेडल इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में प्राप्त किए हैं। विश्वविद्यालय में अंतर महाविद्यालय महिला, पुरुष प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिसमें प्रतिवर्ष 1000 महिला, पुरुष खिलाड़ी प्रतिभाग करते हैं। हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय के कई खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियां प्राप्त हुई है एशियन गेम्स चीन खेल हांग झोऊ में आयोजित किया गया था जिसमें सेपक टेकरा में छात्रा खुशबू को कांस्य पदक मिला है। विश्वविद्यालय की छात्रा कुमारी दीक्षा ने हांगझोऊ के एथलेटिक्स में 1500 मी प्रतिस्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 में चेंगदू (चीन) में विश्वविद्यालय के छात्र यूनुस शाह ने मेडल प्राप्त किए हैं। यह गर्व का विषय है कि उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय में एथलेटिक्स हेतु सिंथेटिक ट्रैक रूहेलखंड विश्वविद्यालय में ही है। वर्ष 2023 में विश्वविद्यालय के 15 खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटा के अंतर्गत विभिन्न स्तर की सरकारी नौकरियां मिली हैं इसमें पुलिस विभाग इनकम टैक्स विभाग, डाक तार विभाग रेलवे आदि शामिल है।

हर वर्ष की भाँति इस 21वें दीक्षांत समारोह में भी महिला सक्तिकरण की झलक साफ दिखाई दे रही है। इस शैक्षणिक सत्र में 79 गोल्ड मेडल प्रदान किये जा रहे है जिसमें से कुल गोल्ड मेडल का 78.4 प्रतिशत से अधिक छात्राओं को प्राप्त हुये है। पिछले वर्षों की भाँति इस वर्ष भी रुहेलखण्ड की बेटियों ने अपनी योग्यता और क्षमता को अपने परिश्रम से स्वयं सिद्ध किया है। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की 45 लाख 51 हजार 385 मार्कशीट तथा 14 लाख 71 हजार 250 डिग्री, कुल 60 लाख 22 हजार 905 Documents digilocker पर अपलोड हैं। आज के 21 वें दीक्षान्त समारोह में सफलता पाने वाले विद्यार्थियों की 03 लाख 01 हजार 567 मार्कशीट तथा 01 लाख 55 हजार 880 डिग्री डिजीलॉकर पर अपलोड कर दी गई हैं। जो कि 100% uplodation है। सभी गोल्ड मेडल प्राप्त डिग्रियों को डाउनलोड कर चेक किया जा चुका है।

इस विश्वविद्यालय का बीजवाक्य है चरैवेति-चरैवेति । चाहे सुन्दर कुलगीत हो, या विश्वविद्यालय का झंडा मोनोग्राम हो या विश्वविद्यालय की सड़क, सब जगह पर यही बीज वाक्य चरैवेति-चरैवेति ही परिलक्षित होता है। क्योंकि ऐतरेय उपनिषद ( ऐत0 / 7 / 33 ) में कहा गया है-

उठकर कमर कसकर चल पड़ने वाले पुरूष को ही मधु मिलता है । निरन्तर चलता हुआ ही स्वादिश्ट फलों का आनन्द प्राप्त करता है। सूर्य को देखो सतत् चलते हैं क्षण भर विश्राम नहीं करते। इसलिये जीवन में भौतिक व आध्यात्मिक मार्ग के पथिक को चाहिये कि वह बाधाओं से संघर्ष करता हुआ चलता रहे- आगे बढ़ता रहे। इस समारोह की अटल स्मृतियाँ सदैव विद्यार्थियों को ओजस्वी व तेजस्वी बना सके इसी विश्वास के साथ । –

एक बार पुनः हम सबकी अनुकरणीय एवं मार्गदर्शक कुलाधिपति महोदया, मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि एवं समस्त आगन्तुकों को साधुवाद सहित

समारोह में विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने अपना भाषण प्रस्तुत किया
विशिष्ट अतिथि श्रीमती रजनी तिवारी,
(माननीय मंत्री उच्च शिक्षा विभाग),
का उद्बोधन

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षान्त समारोह के इस गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं उत्तर प्रदेश की माननीया राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, समारोह के मुख्य अतिथि, प्रो० अनिल सहस्रबुद्धे अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच अध्यक्ष, कार्यकारी परिषद, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् अध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड, समारोह के विशिष्ट अतिथि, समारोह के विशिष्ट अतिथि, श्री योगेन्द्र उपाध्याय, माननीय मंत्री, उच्च शिक्षा, विज्ञान एव प्रोद्योगिकी, इलेक्ट्राॅनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश सरकार, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के कुलपति, प्रोफेसर के॰पी॰ सिंह जी, कार्यपरिषद् व विद्यापरिषद्् के सम्मानित सदस्यगण, समारोह में उपस्थित व आॅनलाइन उपस्थित जनप्रतिनिधिगण, विश्वविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारीगण, मीडिया के सजग प्रतिनिधिगण, उपस्थित सम्माननीय संभ्रान्त अतिथिगण, प्रिय विद्यार्थियों, देवियों और सज्जनों!
किसी भी संस्थान के लिए उसके छात्र ही उसके ब्रांड एंबेसडर होते हैं। क्योंकि यही छात्र जब सफल होकर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री या प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवा देते हैं तो कहीं ना कहीं उस संस्थान को भी उसकी सफलता के साथ याद किया जाता है। मुझे हेनरी फोर्ड की एक पंक्ति याद आती है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक साथ आना एक शुरुआत है, एक साथ रहना प्रगति है, और एक साथ काम करना सफलता है। और जैसा कि हम पिछले कुछ वर्षों से देखते हैं, कि शुरुआत हुई थी और प्रगति भी हुई और हां, निर्विवाद रूप से हम सफल रहे हैं।
मुझे खुशी है कि रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में छात्रों से ज्यादा छात्राओं ने मेडल सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। यह सुखद है कि देश की लक्ष्मी देश की बेटियां शैक्षिक जगत में अपना परचम लहरा रही है। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में बेटियों की संख्या अधिक है, यह ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’’ की सार्थकता को सिद्ध करती है। एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में अभिनव ज्ञान को विकसित करने का सामर्थ्य होना चाहिए और जो अन्य देशों में विकसित ज्ञान से भी अपडेट होना चाहिए।
किसी भी देश की प्रगति तथा उपलब्धियाँ उस देश के नागरिकों के शैक्षिक स्तर, शिक्षा एवं शोध की गुणवत्ता तथा स्वच्छता, सामाजिक उन्नति से आँकी जाती है। विश्व के अनेक देश शिक्षा एवं उच्च शिक्षा को अपनी सामाजिक नीतियों में सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते है। जिसके परिणामस्वरूप वह आज विश्व के विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। हमारी शैक्षिक संस्थाओं का लक्ष्य और प्रयास यही होना चाहिए कि कार्यकुशल होने के साथ-साथ अध्ययनरत रहे विद्यार्थी श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों को आत्मसात करके सजग नागरिक बनें।
आज देश में संचार क्रांति के साथ-साथ संस्कार क्रांति भी आवश्यक है। प्राचीन चिंतन परंपरा का समावेश कर शिक्षा देने का प्रयास होना चाहिए। दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं है, सफलता की सीढ़ी कठिन परिश्रम से ही बनती है, इसलिए जीवन में लक्ष्य बनाकर कार्य करें। विद्यार्थियों से काफी कुछ आशाएं समाज व राष्ट्र को है, जिस पर वह सभी खरा उतरने का प्रयास करें।
वर्तमान में देश में उच्च शिक्षा के सबसे ज्यादा संस्थान 7,078 उत्तर प्रदेश में है। देश में उच्च शिक्षा के संस्थानों का 18.54 फीसदी हिस्सा केवल अकेले उत्तर प्रदेश का है। उत्तर प्रदेश ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की अध्यतन रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश को उच्च शिक्षा में देश का नंबर एक राज्य बताया गया है। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में 45.92 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं। माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही शिक्षा और रोजगार के विकास का जो संकल्प लिया था उसे उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में पूर्ण करके दिखाया हैं।
उत्तर प्रदेश में शिक्षण संस्थानों में लड़कियों की बढ़ती संख्या का यह रुझान स्कूल स्तर पर भी दिखाई दे रहा है, पिछले तीन दशकों में यूपी बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाली लड़कियों की संख्या दोगुनी हो गई है। उच्च शिक्षा निर्देशालय की नवीन रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में महिला छात्राओं की संख्या पुरुषों से अधिक हो गई है। इसके पीछे शिक्षा के प्रति बढ़ी जागरूकता हैं, वहीं सभी वर्गों के गरीब बच्चों को योगी सरकार द्वारा मिलने वाली छात्रवृति भी महिलाओं की बढ़ती संख्या का एक कारण है। उच्च शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ दशकों में किए गए निरंतर प्रयास आखिरकार परिणाम दिखाने लगे हैं। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दाखिला लेने वाली लड़कियों और महिलाओं की संख्या पुरुषों और लड़कों से कहीं अधिक है। पिछले चार वर्षों में उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराने वाली लड़कियों की संख्या में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव व नवाचार पर सरकार की मंशा साफ है। उच्च शिक्षा में ऐसे मूल्यों का समावेश होना चाहिये जो ईमानदारी और सच्चाई को सम्मान दंे। वैसे तो शिक्षा एक सतत् एवं अजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। नित्य कुछ न कुछ अधिगम होता ही रहता है, परन्तु आज का सुअवसर थोड़ा औपचारिक शिक्षा के प्रसंग में विशेष है। अध्ययनोपरान्त विद्यार्थियों ने लम्बे समय तक अपने परिश्रम एवं प्रतिभा का उपयोग करते हुए ज्ञानार्जन किया है। आज का यह दीक्षान्त समारोह उनके जीवन की सतत् चलने वाली मानवीय ज्ञान यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव तो है, लेकिन यह उस शाश्वत् यात्रा का गन्तव्य कदापि नहीं है। आपके जीवन का गन्तव्य विश्वविद्यालय परिसर से बाहर का वृहद समाज है जिसमें आपको एक कर्मठ योगी की तरह अपनी शिक्षा से अर्जित कौशल का अभिप्रेरणीय सदुपयोग करना है। इस यात्रा में आप और अधिक उत्साह के साथ अग्रसर हों, आपके विचार विवेकपूर्ण एवं भावनाएं पवित्र हों, आपका भविष्य उज्ज्वल हो, इस अवसर पर यही मेरी मंगलकामना है।
आप भविष्य में विश्वविद्यालय की गरिमा तथा देश की प्रगति में नये कीर्तिमान स्थापित करें और चरैवेति-चरैवेति को सार्थक करते हुए निरन्तर आगे बढ़ते रहें, इसी कामना के साथ मैं आप सभी को एक बार फिर से अपनी हार्दिक बधाई देती हूँ।

दीक्षांत समारोह के अंत में महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपना उद्बोधन दिया।

सत्र् (2022-2023) में विश्वविद्यालय ने कई
महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रीय मूल्यांकन
एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा रूहेलखंड विश्वविद्यालय
बरेली को ए प्लस प्लस रैंकिंग प्रदान की गई है उत्तर
प्रदेश के चार राज्य विश्वविद्यालयों को नैक ए प्लस
प्लस रैंकिंग प्राप्त हुई है यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों
की कर्मठता, उनका लगातार समर्पित होकर
छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण एवं शोध कार्य करना और
शैक्षणिक गतिविधियों, सेमिनार, कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप आदि
में समर्पित होकर लगे रहने का सतत परिणाम है। मैं इस हेतु रूहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह और समस्त नैक टीम को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं और आशा करती हूं विश्वविद्यालय
अन्य रैंकिंग में भी प्रतिभाग करेगा और एनआईआरएफ,टाइम्स रैंकिंग और एडु वल्र्ड रैंकिंग में भी श्रेष्ठ स्थान में
पहुंचेगा।
एम.जे.पी. रूहेलखंड विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा
नीति-2020 को लागू करने वाला पहला राज्य
विश्वविद्यालय है। प्रभावशाली शैक्षणिक सुधार किए गए
हैं जहां 2022-2023 में रिकॉर्ड संख्या में बिषय पाठ्य
समिति आयोजित किए गए है, जहां यूजी और पीजी के
सभी पाठ्यक्रमों को एनईपी-2020 के अनुरूप संशोधित
किया गया है। शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण को
बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने
14 संघटक राजकीय महाविद्यालयों को गोद लिया है
और उनका अधिग्रहण किया है, जो किसी भी राज्य
विश्वविद्यालय में सबसे अधिक संख्या है। कई राष्ट्रीय
और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और एमओयू स्थापित किए गए
. 9 .
हैं। हाल के दिनों में कोरोना महामारी जैसी चुनौतियों से
निपटने और समाधान के लिए ऑनलाइन शिक्षण और
शोध को बढ़ावा दिया गया है। रूहेलखंड इन्क्यूबेशन
फाउंडेशन का उद्घाटन द्वारा किया गया। एक पंजीकृत
पूर्व छात्र संघ रूआ का गठन किया गया और पूर्व छात्रों
की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की गईं है।

विश्वविद्यालय ने सामाजिक दात्यिवों की पूर्ति हेतु कई
गांवों को गोद लिया और कोरोना महामारी के दौरान उन्हें
सहायता प्रदान की है। एनएसएस के माध्यम से अमूल्य
सामाजिक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक छात्र को भारत के
माननीय राष्ट्रपति से सत्र 2022 में एवं 2023 में विश्वविद्यालय
की छात्रा संजना सिंह को सर्वोच्च पुरस्कार/पदक प्राप्त
हुआ। एक डे-केयर सेंटर स्थापित किया गया है। निर्बल
आय वर्ग के बच्चों के स्कूल शिक्षा हेतु विश्वविद्यालय ने प.ं
दीनानाथ स्कूल को उच्चीकृत कर बच्चों को बेहतर सुविधाए
प्रदान की गई है। स्कूल अब नियमानुसार गठित प्रबंधन द्वारा
चलाया जाता है और वर्तमान में जहां तक यूपी बोर्ड के
स्कूलों का सवाल है, जिला बरेली में यह एक अग्रणी स्कूल
है। विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का
विस्तार करते हुए दिव्यांगजनों के लिए दिशा स्कूल को
अपनाया और इसे केजी से पीजी तक एक स्कूल के रूप में
विकसित करने का संकल्प है।
विश्वविद्यालय ने बड़ी संख्या में टीबी रोगियों को
अपनाया और रोगियों को पोषण और दवाएँ प्रदान की गईं।
कई मरीज ठीक हो चुके हैं और कई का इलाज चल रहा है।
अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए, विश्वविद्यालय
ने बड़ी संख्या में गरीबी रेखा से नीचे की गर्भवती महिलाओं
को पोषण प्रदान किया। विश्वविद्यालय ने एक पूरी तरह से
विकसित और कार्यात्मक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र की स्थापना
की जिसमें डिजिटल ग्.त्ंल मशीन के साथ गुणवत्तापूर्ण
बुनियादी ढांचा शामिल है। प्रभावी परिणाम के लिए
विश्वविद्यालय ने राजश्री मेडिकल कॉलेज, बरेली के साथ एक
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और राजश्री कॉलेज के
चिकित्सक विश्वविद्यालय के भ्मंसजी ब्ंतम ब्मदजतम में चैबीस घंटे
उपलब्ध हैं। भ्मंसजी ब्ंतम ब्मदजतम सभी के लिए खुला है और
स्थानीय प्रशासन की मदद से विभिन्न रक्तदान शिविर और
स्वास्थ्य देखभाल शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जा
रहे हैं।
हर वर्ष की भाँति इस 21वें दीक्षातं समारोह मे भी महिला
सशक्तिकरण की झलक साफ दिखाई दे रही है। इस
शैक्षणिक सत्र हेतु 79 गोल्ड मेडल प्रदान किये जा रहे है
जिसमें से कुल गोल्ड मेडल का 78 प्रतिशत से अधिक
छात्राओं को प्राप्त हुये है। पिछले वर्षों की भाँति इस वर्ष भी
रूहेलखण्ड की बेटियों ने अपनी योग्यता और क्षमता को अपने
परिश्रम से स्वंय सिद्व किया है।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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