रेप के दोषी के पेरेंट्स ने रखी ऐसी मांग, याचिका देखते ही क्यों नाराज हो गए CJI डीवाई चंद्रचूड़?
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक ऐसा अजीब मामला सामने आया जिस पर वकील को सीजेआई की नाराजगी झेलनी पड़ी. असल में ये मामला दुष्कर्म के एक दोषी से जुड़ा हुआ था. सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस याचिका कि विषय वस्तु सुनकर नाराज हो गए और याचिका भी खारिज कर दी. याचिका में दुष्कर्म के दोषी युवक के माता-पिता ने मांग की थी कि उन्हें वो बच्चा सौंप दिया जाए जो दुष्कर्म करने से पैदा हुआ था. सीजेआई ने डपटने वाले अंदाज में कहा कि- ‘यहां आने वाली याचिकाओं की कोई सीमा है या नहीं?
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को नाराज होते देखा गया. एक मामले की याचिका उनके सामने पहुंची थी. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष यह अजीब केस सुनवाई के लिए आया. उत्तराखंड के पौड़ी जिले के जाखनी खाल के एक युवक को रेप के लिए दोषी ठहराया गया था. यह याचिका दुष्कर्म के दोषी की मां की ओर से लगाई गई थी.
रेप के दोषी इस शख्स की मां राखी देवी ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उनके बेटे ने जिस लड़की का रेप किया था, उससे पैदा हुआ बच्चा उन्हें सौंप दिया जाए. इस याचिका की विषय वस्तु जानने के बाद CJI जस्टिस चंद्रचूड़ नाराज हो गए. उन्होंने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यहां आने वाली याचिकाओं की कोई सीमा है या नहीं?
रेपिस्ट के पैरेंट्स की याचिका लेकर उनके वकील अजय कुमार तलेसरा कोर्ट रूम में पहुंचे थे. CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा की पीठ के सामने वकील ने याचिका पढ़ी तो CJI ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपका बेटा रेप के जुर्म में जेल में है और आप चाहते हैं कि वह बच्चा (दुष्कर्म के बाद पैदा हुआ बच्चा) आपको सौंपा जाए? इसके बाद वकील ने कहा कि यह गुहार बच्चे की भलाई के लिए है. इस पर जस्टिस नरसिम्हा बोले- आपको पता है, आप क्या कह रहे हैं?
CJI चंद्रचूड़ ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में आने वाली याचिकाओं की भी कोई हद होनी चाहिए. यह याचिका खारिज की जाती है. कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद, बलात्कार के आरोपी के माता-पिता, निराश होकर लौट आए.