लिवर को रखना है स्वस्थ तो दूर रहें इन चीजों से, हो सकता है घातक
हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लीवर का विशेष योगदान होता है। लिवर शरीर में हार्मोन उत्पादन से लेकर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और पोषक तत्वों का भंडारण करने जैसे आवश्यक कार्य करता है। इसी वजह से स्वास्थ विशेषज्ञ द्वारा लिवर को स्वस्थ बनाने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। इससे होने वाली परेशानी पूरे शरीर को बीमार कर सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, गलत आदतों और अनहेल्दी फूड लेने के कारण पिछले एक दशक में लोगों में लिवर से संबंधित कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लिवर में सूजन से लेकर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियां भी देखने को मिल रही है। डॉक्टर्स के सलाह अनुसार हम दैनिक आदतों पर ही ध्यान देकर इस अंग को स्वस्थ रखने और कई तरह की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते है। जानते है इन आदतों के बारे में जिनसे दूरी रहकर हम लीवर को स्वस्थ रख सकते है।
शराब पीने की आदत लिवर के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती है। अल्कोहल, लिवर के सामान्य कामकाज में समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसके कारण लिवर में सूजन, लिवर सेल डैमेज और फैटी लिवर जैसी समस्याओं का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसे स्वस्थ रखने के लिए शराब के सेवन से दूर रहें।
अध्ययनों के मूताबिक लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार को स्वस्थ रखना अति आवश्यक है। ट्रांस फैट वाली चीजों का अधिक सेवन से लिवर की समस्या का खतरा बढ़ सकता है। पोल्ट्री, अंडे और कुछ डेयरी उत्पादों में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। फास्ट फूड्स, पैक्ड फूड आइटम्स और प्रोसेस्ड फूड्स में भी इस प्रकार के फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इन चीजों का अधिक सेवन आपके लिवर को गंभीर क्षती पहुँचा सकते है।
यदि आप भी कम मात्रा में पानी पीते हैं तो सावधान हो जाइए, यह आदत डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ लिवर की बीमारियों को भी बढ़ावा दे सकती है। उचित मात्रा में पानी पीते रहने से रक्त पतला रहता है और लिवर के लिए इसे फ़िल्टर करना और विषाक्त पदार्थों को निकालना आसान हो जाता है। पानी की कमी पाचन को भी नुकसान पहुंचा सकती है। दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी जरूर पिएं।
कुछ शोध बताते हैं कि अधिक मात्रा में चीनी का सेवन सिर्फ डायबिटीज ही नहीं, लिवर की बीमारियों का भी कारण बन सकता है। फ्रुक्टोज के रूप में चीनी की अधिक मात्रा लिवर की कोशिकाओं को क्षति पहुंचा सकती है। यह कई तरह के हार्मोन्स के उत्पादन को भी प्रभावित कर देती है। शर्करा की मात्रा फैट में परिवर्तित हो जाती है जिसके कारण कई प्रकार के यकृत रोगों का खतरा बढ़ जाता है।