वाइफ को कभी नहीं करना चाहिए हस्बैंड के साथ ऐसा व्यवहार, कमजोर हो जाएगा रिश्ता
नई दिल्ली. मौजूदा दौर में काफी ज्यादा तलाक के केस आ रहे हैं, इसकी सबसे बड़ी वजह है कपल शादी के बाद एक दूसरे का उतना सम्मान नहीं करते, जितना जरूरी है. रिलेशन में अगर रिस्पेक्ट न हो तो, साथ रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता. जब कोई भी एक पार्टनर अपने बेटर हाथ के साथ बदतमीजी से बात करें, उसको वैल्यू न दे और बात-बात पर गुस्सा निकाले तो नफरत पैदा होनी लाजमी है. आज हम आपको बताएंगे कि एक पत्ती ऐसी गलती से बचने के लिए क्या-क्या कदम उठा सकती हैं.
ऐसा अक्सर होता है जब पत्नी अपने पति की बेइज्जती अपने मायके वालों के सामने करती हैं, जो सही नहीं है. भले ही आपको अपने पति से कितनी भी शिकायत क्यों न हो, लेकिन ऐसा न करें, क्योंकि एक पुरुष के लिए ससुराल ऐसी जगह होती है, जहां उनका सम्मान किया जाता है. अगर आप उन्हें अपने मायके वालों के साथ गलत बर्ताव करेंगी, तो फिर ऐसे में पति के आत्मसम्मान को गहरी चोट लगेगी.
‘सास’शब्द सुनते ही किसी भी महिला के मन में एक नेगेटिव इमेज बनने लगती है, इस पूर्वाग्रह से प्रभावित होकर या किसी और बात से नाराज होने की वजह से अपनी सास से बदतमीजी से बात न करें, क्योंकि किसी भी इंसान के लिए उसकी मां की अहमियत सबसे ऊपर होती है. इसलिए ये बात पति को खटक सकती है.
ये जरूरी नहीं है कि हर औरत का पति दौलतमंद ही हो, अगर आपका हस्बैंड लिमिटेड या कम कमाता हो, तो आर्थिक तंगी के लिए उसे रोज ताने न मारें, बल्कि अपना खर्च ही सीमित कर लें, याद रखें कि हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते, कल फाइनेंशियल हालत सुधर भी सकती है, तब आपको अपने बर्ताव पर काफी पछतावा होगा.
निधि मिश्रा के मुताबिक अगर मायके से आपको कोई बुला नहीं रहा है तो वहां जाने की जिंद न करें, क्योंकि बिना बुलाए मां के घर जाने से सम्मान कम हो सकता है.
पति और पत्नी में छोटे-मोटे झगड़े या मनमुटाव होना आम बात है, लेकिन अगर झड़के की बात बार-बार अपने मायके वालों को बताएंगी या शिकायत करेंगी तो इससे पति की इमेज खराब होगी.
पति के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती है, ऐसे में तनाव या चिड़चिड़ापन आना लाजमी है, आपको इस बात का ख्याल रखना है कि जब वो गुस्से में हों तो कभी उनसे बहस न करें, जब गुस्सा ठंडा हो जाए फिर शांति से बातचीत करें.