सीओपी 28 में वेदांता एल्यूमिनियम ने सस्टेनेबल भविष्य के लिए सम्मिलित प्रयासों को किया प्रेरित
12 दिसंबर 2023: भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम पृथ्वी का सतत एवं सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने हेतु इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि वह पर्यावरण अनुकूल तरीके से उत्पादित उच्च गुणवत्ता का एल्यूमिनियम दुनिया भर में पहुंचाएगी। हाल ही में दुबई में आयोजित सीओपी 28 में वेदांता एल्यूमिनियम ने पहली बार हिस्सा लिया। कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वहां पहुंचे मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जॉन स्लेवन ने इस पहलू पर प्रकाश डाला कि सस्टेनेबेल अनुप्रयोगों को सक्षम बनाने के लिए एल्यूमिनियम की भूमिका निरंतर बढ़ रही है। एल्यूमिनियम में वह क्षमता है कि यह दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं को उनकी मूल्य श्रृंखलाओं का डिकार्बनीकरण करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। श्री स्लेवन सीओपी 28 में ’इंडस्ट्रियल ट्रांज़िशन एक्सिलिरेटर’ राउंडटेबल में भाग ले रहे थे, जहां भारी उद्योगों, परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों से संबंध रखने वाले बिज़नेस लीडर, नीति निर्माता एवं विशेषज्ञ एकजुट हुए थे। सीओपी 28 जलवायु परिवर्तन के लिए आज दुनिया में हो रहा अहम और सभी देशों को आपस में जोड़ने वाला प्रयास है।
आज जिन धातुओं की सबसे अधिक खपत हो रही है एल्यूमिनियम उनमें दूसरे नंबर पर है। पहली बार एल्यूमिनियम का उत्पादन प्रारंभ होने के बाद से इसका महत्व निरंतर बढ़ रहा है। एल्यूमिनियम न होता तो एयरोस्पेस, ऑटोमोबाइल, परिवहन, बिल्डिंग व कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिकल्स आज उस मुकाम पर न होते जहां आज ये क्षेत्र पहुंच पाए हैं। आधुनिक युग में एल्यूमिनियम कई नए उभरते क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, हाई-टैक मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर में भी अपनी उपयोगिता साबित कर रहा है। लगभग हर एक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी में एल्यूमिनियम का उपयोग बढ़ाने की जरूरत पड़ती है, जिससे संकेत मिलता है कि वर्ष 2030 तक इसकी खपत दोगुनी हो जाएगी। हल्का वज़न, बेहतरीन तापीय एवं विद्युत चालकता, वज़न पर मज़बूती का उच्च अनुपात और बारम्बार रिसाइकल करने की खासियत – इन सब गुणों के चलते एल्यूमिनियम को ’भविष्य की धातु’ कहा जाता है।
सीओपी 28 के दौरान जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक चर्चा की पृष्ठभूमि में वेदांता एल्यूमिनियम ने अपनी नवीनतम ’सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट’ प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में दर्ज किया गया है कि कंपनी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने, अपने प्रचालनों के डिकार्बनीकरण और अपने स्थानीय समुदायों के मध्य समावेशी सामाजिक-आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कौन से कदम उठाए हैं। इनमें ओडिशा के झारसुगुडा स्थित मेगा एल्यूमिनियम स्मेल्टर, जो दुनिया के सबसे बड़े स्मेल्टरों में से एक है; लांजीगढ़ स्थित विश्व स्तरीय एल्यूमिना रिफाइनरी तथा छत्तीसगढ़, कोरबा स्थित भारत की प्रतिष्ठित एल्यूमिनियम उत्पादक बालको शामिल हैं।
यह पूरी रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट https://vedantaaluminium.com/sustainability/sustainability-report/ पर उपलब्ध है।
जलवायु के प्रति लचीले भविष्य के निर्माण हेतु कंपनी की कोशिशों पर वेदांता एल्यूमिनियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जॉन स्लेवन ने कहा, ’’वेदांता एल्यूमिनियम में हम वर्ष 2050 तक नेट-ज़ीरो हासिल करने के लिए अपनी कोशिशों में तेज़़ी ला रहे हैं। इस हेतु हमने उत्सर्जन घटाने के लिए समय सीमा तय की है। अत्याधुनिक कार्बन सिक्वेसट्रेशन टेक्नोलॉजी तैनात की है, नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाया गया है तथा स्थानीय समुदायों को जलवायु के प्रति लचीली गतिविधियों के लिए सहयोग दिया जा रहा है। यह बहुआयामी दृष्टिकोण हमारी अटल प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हम पर्यावरण पर अर्थपूर्ण प्रभाव कायम करने के लिए कार्यरत हैं और ज्यादा सस्टेनेबल भविष्य हेतु मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।’’
श्री स्लेवन ने सस्टेनेबल प्रचालन सुनिश्चित करने में कंपनी की प्रगति पर भी प्रकाश डाला। इसमें खास उल्लेख था वित्तीय वर्ष 2012 को आधार वर्ष मानते हुए वित्तीय वर्ष 2023 में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 28 प्रतिशत की प्रभावशाली कमी की गई और इसी अवधि में उत्पादन में तीन गुना इजाफा हुआ। अपनी सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट में कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023 में कई अहम उपलब्धियों का भी उल्लेख किया है जिनका विशेष ध्यान अपने विभिन्न स्टेकहोल्डरों पर रहा है। कंपनी अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार जारी रखे हुए है। कंपनी ’ट्रिपल बॉटम लाइन’ एप्रोच के लिए समर्पित है जो नागरिकों, समृद्धि और पृथ्वी ग्रह को अपने दायरे में लेती है।
इस रिपोर्ट की मुख्य झलकियों में शामिल हैं:
वित्तीय वर्ष 2021 के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2023 में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में लगभग 8 प्रतिशत कमी आई है, उत्पादन में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी वर्ष 2050 तक या उससे पहले ही अपने नेट-ज़ीरो लक्ष्य को हासिल कर लेगी।
नवीकरणीय ऊर्जा के 1.37 अरब यूनिट का उपयोग हुआ है जो कि थर्मल पावर प्लांट द्वारा उत्पादित लगभग 150 मेगा वाट बिजली के बराबर है।
ताज़े पानी के संसाधनों से पानी निकालने की मात्रा में 11 प्रतिशत कमी हासिल की है जो बहुत प्रभावी आंकड़ा है।
ताज़े पानी के इस्तेमाल में 15 लाख क्यूबिक मीटर की अहम बचत हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023 में अपशिष्ट की रिसाइकलिंग दोगुनी होकर 200 प्रतिशत हुआ है जिससे सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है।
40 से अधिक ग्रामीण जलाशयों की बहाली हेतु सहयोग किया गया है।
भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट बेड़े की तैनाती की गई है जिससे लॉजिस्टिक से उपजने वाले कार्बन फुटप्रिंट को घटाया गया है।
सामाजिक हस्तक्षेपों से 63 लाख महिलाओं एवं बच्चों के जीवन पर सकारात्मक असर हुआ है।
वित्तीय वर्ष 2023 में सामुदायिक निवेश को 45 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, सामुदायिक बुनियादी सुविधाओं, कला व संस्कृति एवं जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक गतिविधियां की गई हैं।
ट्रांस्जेंडर और दिव्यांग लोगों को मूल प्रचालन में रोजगार देकर कंपनी ने अपने कर्मचारी आधार को विविधता प्रदान की है और वेदांता को सही मायने में एक समावेशी कार्यस्थल बनाया है।
वेदांता एल्यूमिनियम ने दीर्घकालिक पावर डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (पीडीए) किया है जिसके तहत 1335 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा प्रचालनों में इस्तेमाल हेतु प्राप्त की जाएगी। यह पहली भारतीय कंपनी है जिसने अपनी ’लो-कार्बन ग्रीन’ एल्यूमिनियम रेंज ’रिस्टोरा’ लांच की है जो उन ग्राहकों के लिए है जो अपनी मूल्य श्रृंखला का डिकार्बनीकरण चाहते हैं। कंपनी ने उत्सर्जन कम करने के लिए उभरती तकनीकों जैसे इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित उपकरण का उपयोग किया है। प्रोडक्ट इनोवेशन, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग व सामुदायिक स्टेकहोल्डरों की भागीदारी के जरिए सस्टेनेबल बदलाव को आगे बढ़ाने की इन कोशिशों को उद्योग जगत के शीर्ष सम्मान मिले हैं। इनमें सस्टेनेबल प्रचालन के लिए एल्यूमिनियम स्ट्यूवर्डशिप इनिशिएटिव से प्रमाणन तथा उत्पादों की सटेनेबिलिटी के लिए एन्वायर्नमेंट प्रोडक्ट डिक्लेरेशन (ईपीडी) इंटरनेशनल से सत्यापन शामिल हैं।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।