स्वच्छ वातावरण के लिए आधुनिक तकनीकी को बढ़ावा दे रही एनसीएल
नई दिल्ली: भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल), देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के आलोक में लगातार बढ़ रहे कोयला उत्पादन व प्रेषण के अनुरूप पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण रोकथाम की दिशा में प्रभावी ढंग से नयी योजनायेँ लागू कर रही है |
चार नई ट्रक- माउंटेड फॉग केनन मशीनें हुईं नियोजित
एनसीएल की चार परियोजनाओं निगाही, ककरी, ब्लॉक-बी व खड़िया क्षेत्र में चार नई ट्रक- माउंटेड फॉग केनन मशीनों को हायर करके नियोजित किया गया है | इसके साथ ही चार अन्य मशीनों को जल्द ही हायर कर नियोजित करने की योजना है |
फॉग कैनन धूल शमन प्रणाली के तहत पानी को अत्यंत छोटी-छोटी बूंदों में बदल कर अत्यधिक दबाव के साथ हवा में छोड़ा जाता है जिससे वातावरण की धूल जमीन पर बैठ जाती है और जमीन के गीले हो जाने से धूल का उड़ना भी बंद हो जाता है | इन मशीनों का उपयोग कोयला लोडिंग वाले स्थानों, हॉल रोड, खदान में प्रमुख स्थानों, आम यातायात की सड़कों, आवासीय परिसरों जैसे अनेक स्थानों पर धूल शमन के लिए किया जाता है |
वर्तमान समय में एनसीएल में अलग-अलग तरह की 27 फॉग केनन मशीनें तथा 11 रोड स्वीपिंग मशीनें तैनात हैं जिनसे खदान व स्थानीय परिक्षेत्र में कर्मियों व नागरिकों को काफी राहत मिलती है |
मशीनों के नियोजन के साथ ही एनसीएल पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण रोकथाम के तहत अलग कोल कॉरीडोर के निर्माण, खदानों के भीतर सीसी सड़क के निर्माण, निगाही में सोलर प्लांट की स्थापना तथा वर्ष 2022-23 में लगभग 7.7 लाख पौधे लगवाने जैसे अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रही है |
कंपनी ने वर्ष 2021-22 में कुल प्रेषण का 82 प्रतिशत कोयला रेल, एमजीआर और बेल्ट पाइप कन्वेयर के माध्यम से भेजा है | यही नहीं, वर्ष 2024-25 तक लगभग 99 प्रतिशत कोयला का प्रेषण पर्यावरण अनुकूल माध्यम से सुनिश्चित करने हेतु कंपनी 9 एफ़एमसी परियोजनाओं पर लगभग 3 हज़ार करोड़ का पूंजीगत निवेश कर रही है |
रविंद्र केसरी की रिपोर्ट