40 साल की उम्र में कोलेस्ट्रॉल को तहस-नहस कर देंगे ये 6 आसान तरीके!, यहां देखे…
कोलेस्ट्रॉल एक तेजी से बढ़ती गंभीर समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। 40 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल और उससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम अधिक होता है। कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो रक्त वाहिकाओं में जमता है। इसका लेवल बढ़ने से नसों में ब्लॉकेज हो सकती है जिससे ब्लड फ्लो थम सकता है और आपको दिल के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है।
40 की उम्र के बाद वजन बढ़ना, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल आदि का जोखिम बढ़ जाता है। जहां वजन बढ़ना डायबिटीज, हृदय रोग और जोड़ों के दर्द सहित कई बीमारियों से जुड़ा है, वहीं इस उम्र में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना भी बड़ी समस्या है। शरीर म गंदे कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) बढ़ने की वजह जेनेटिक, खराब लाइफस्टाइल, अन्हेल्दी डाइट जैसे कारक हो सकते हैं।
ऐसी चीजें खाने से बचें जिनमें सैचुरेटेड और ट्रांस फैट की मात्रा कम हो। प्रोसेस्ड फूड, फ्राइड फूड, रेड मीट, फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट जैसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन कम करें। मेडीलाइन प्लस की रिपोर्ट (Ref) के अनुसार, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दुबले प्रोटीन (जैसे मुर्गी और मछली), और स्वस्थ वसा (जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो और नट्स) से भरपूर खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन करें।
एक्सरसाइज करने से एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, साथ ही एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है। कार्डियो/एरोबिक एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना, तैराकी, या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी हृदय गति को बढ़ाती हैं। हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की हल्की एक्सरसाइज से आपको फायदा मिल सकता है।
अधिक वजन वालों को कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और दिल की समस्याओं का अधिक जोखिम होता है। इसलिए वजन कम करने, खासकर पेट की चर्बी कम करने से आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है।
स्मोकिंग से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिस वजह से गंदे कोलेस्ट्रॉल को निकालना मुश्किल हो सकता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट (Ref) के अनुसार, इसी तरह अत्यधिक शराब का सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।
लंबे समय तक तनाव में रहने से कोलेस्ट्रॉल लेवल पर असर पड़ता है। तनाव से बचने के लिए स्वस्थ तरीके खोजें, जैसे गहरी सांस लेना, ध्यान और योग जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करना। इसके अलावा अपनी पसंद का काम करें और प्रियजनों के साथ समय बिताएं। इन सबके अलावा अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करें और जरूरी टेस्ट कराते रहें।