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एसआरएमएस मेडिकल कालेज में 8वीं पल्मोक्रिट कांफ्रेंस का आयोजन


बरेली,16 नवम्बर। स्वास्थ्य सेवा कमाई का नहीं, सेवा और नेकनीयत का पेशा है। बिना नेकनीयती, सेवाभावना और चुनौती लिए बिना इस पेशे में सफलता नहीं हासिल की जा सकती। यह बात एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी ने 8वीं पल्मोक्रिट कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में कही। उन्होंने कहा कि भगवान सभी के लिए सफलता का रास्ता बनाता है। लेकिन चुनौती स्वीकार करने वाला उस रास्ते को चुनता है। हिम्मत से मुश्किलों का सामना करता है और सफलता हासिल करता है। स्वास्थ्य पेशे में भी यही है। बिना चुनौती यहां भी सफलता हासिल नहीं होती। लेकिन तमाम लोग सिर्फ एक वाक्य तुम नहीं कर सकते सुन कर ही चुनौतियों से पीछा छुड़ा लेते हैं। हमने तुम नहीं कर सकते वाक्य को कई बार परिवार, रिश्तेदार और मित्रों से सुना। हर नए काम पर सभी ने यही कहा कि तुम नहीं कर सकते, लेकिन हमने तुम नहीं कर सकते को हमेशा चुनौती की तरह स्वीकार किया। इसी बदौलत यूपी का पहला इंजीनियरिंग कालेज खोलने में सफलता मिली और अत्याधुनिक उपकरणों और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस मेडिकल कालेज आज देश में अपनी पहचान बनाए हुए है। उन्होंने चिकित्सकों से मरीजों के उपचार के समय एथिकल प्रेक्टिस पर जोर दिया।
इंटरनेशनल सोसायटी आफ क्रिटिकल केयर मेडिसन (ISCCM) के बरेली चैप्टर के सहयोग से रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग और क्रिटिकल केयर मेडिसिन की ओर से एसआरएमएस मेडिकल कालेज में चार दिवसीय 8वीं एसआरएमएस पल्मोक्रिट कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत साइंटिफिक कांफ्रेंस, नर्सिंग कांफ्रेंस और वर्कशाप में देश के नामचीन संस्थानों के विशेषज्ञ क्रिटिकल केयर में भर्ती गंभीर मरीजों के उपचार के संबंध में विभिन्न शोध के साथ तकनीकी कौशल की जानकारी दे रहे हैं। पल्मोक्रिट कांफ्रेंस के साइंटिफिक सत्र के पहले दिन शुक्रवार (15 नवंबर) को उद्घाटन सत्र के साथ ही चार सत्र आयोजित हुए। मुख्य अतिथि के रूप में सर गंगाराम हास्पिटल दिल्ली के चेयरमैन पद्मभूषण बीके राव, विशिष्ट अतिथि के रूप में डा.नरेंद्र रूंगटा, एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेश आदित्य मूर्ति जी, आफिशिएटिंग प्रिंसिपल डा.रोहित शर्मा, कांफ्रेंस के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.ललित सिंह, साइंटिफिक चेयरमैन डा.राजीव टंडन ने दीप प्रज्वलित करने के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। सरस्वती वंदना और संस्थान गीत के साथ उद्घाटन सत्र आरंभ हुआ। पद्मभूषण बीके राव और डा.नरेंद्र रूंगटा ने आईसीयू केयर पर व्याख्यान दिया। डा.नरेंद्र रूंगटा ने गंभीर मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसी सोच को लेकर डब्ल्यू4सी क्रिटिकल केयर फाउंडेशन का गठन किया गया था। इस संस्था की ओर से युवा चिकित्सकों की मेंटरिंग की जाती है। जिससे वे गंभीर मरीजों को सर्वश्रेष्ठ उपचार दे पाएं। संस्था सभी चिकित्सकों के लिए प्रति वर्ष कांफ्रेंस आयोजित करती है। पांच बुक्स भी प्रकाशित करने के साथ ही संस्था जल्द ही आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए डब्ल्यू4सीसीसीएफ एप लांच कर रही है। जिस पर रजिस्ट्रेशन करवा कर कोई भी व्यक्ति अपनी रिपोर्टस के साथ जानकारी ले सकता है। डा.रूंगटा ने आईसीयू में भर्ती मरीजों के अंतिम समय की केयर के साथ उन्हें परिवार साथ रहने पर व्याख्यान दिया। पद्म भूषण डा.बीके राव ने स्वास्थ्य सेवा के भविष्य और क्रिटिकल केयर में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल पर व्याख्यान दिया। उद्घाटन सत्र में कांफ्रेंस के सोविनियर का भी लोकार्पण किया गया। इससे पहले उद्घाटन सत्र के आरंभ में कांफ्रेंस के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डा.ललित सिंह ने कांफ्रेंस में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और अंत में कार्यक्रम के साइंटिफिक चेयरमैन डा.राजीव टंडन ने सभी का आभार जताया।
इससे पहले कांफ्रेंस के पहले दिन गुरुवार (14 नवंबर) को मेकेनिकल वेंटिलेशन, ईसीएमओ वर्कशाप, प्वाइंट आफ केयर अल्ट्रासाउंड वर्कशाप और नर्सिंग कांफ्रेंस आयोजित हुई। इसमें विभिन्न तकनीकों और विषयों पर विशेषज्ञों ने तकनीकी जानकारी के साथ व्याख्यान दिए। पल्मोक्रिट कांफ्रेंस के तीसरे और चौथे दिन के सत्र क्रमशः शनिवार और रविवार को रामनगर (उत्तराखंड) में आयोजित किए जाएंगे। उद्घाटन सत्र में आईएससीसीएम के नेशनल इलेक्ट प्रेसीडेंट डा.रणबीर सिंह त्यागी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.आरपी सिंह, डीन यूजी डा.बिंदू गर्ग, डा.पियूष कुमार, डा.शरद जौहरी, डा.शशिबाला आर्य, डा.नीलिमा मेहरोत्रा, डा.संजय गुप्ता, डा.शशांक शाह, डा. एमपी रावत, डा.विद्यानंद झा, डा.मनोज टांगड़ी, डा.अमित सिंह, डा.अशोक कुमार, डा.विनोद कुमार, डा.कुंदन मित्तल, डा.सैयद मोईद अहमद, डा.एके सिंह, डा.विक्रम गुप्ता, डा.अरुण राज, डा.किरन, डा.आशुतोष गर्ग, डा.रानाजी चटर्जी, डा.विमल भारद्वाज, डा.रतन पाल गंगवार, डा.विवेक मिश्रा, डा.अनीस बेग, डा.दर्शन मेहरा, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, रुचि शाह सहित बरेली और आसपास के प्रमुख चिकित्सक मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सकसेना की रिपोर्ट

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