मंगल दोष हमारे जीवन में कई प्रभाव डालता, इन ज्योतिष उपायों से करें समाधान
कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति हमारे जीवन की दिशा तय करती है. ग्रहों की शुभ स्थिति जीवन को खुशहाल रखती है, वहीं अशुभ स्थिति में जीवन कष्टों से भरा रहता है. कुंडली में मंगल ग्रह विवाह से संबंध रखता है. अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष हो तो उसके विवाह में बाधा आती है और विवाह होने में विलंब होता है. मंगल दोष कई प्रभाव डालता है, जिससे ना तो अच्छे रिश्ते मिलते हैं, ना ही अच्छे रिश्ते अधिक समय तक टिक पाते हैं. ऐसे में मंगल दोष का निवारण करना आवश्यक होता है. आइये जानते हैं मंगल दोष निवारण के ज्योतिष उपाय.
मंगल दोष का प्रभाव
ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली में 12 भाव होते हैं, अगर मंगल प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में होता है तो मंगल दोष उत्पन्न होता है. मंगल दोष भी निम्न, आंशिक व उच्च स्तर का होता है. कुंडली में चंद्र मांगलिक होने की दशा में डबल मांगलिक दोष होता है. जिसमें जातक को मांगलिक व्यक्ति के साथ ही विवाह करने की सलाह दी जाती है. ज्योतिषियों के अनुसार, 28 की उम्र के बाद मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है परंतु पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता है, इसलिए मंगल दोष का निवारण जरूरी होता है.
मंगलदोष निवारण उपाय
ज्योतिष शास्त्रों में मंगल दोष निवारण के उपाय बताए गए हैं. मंगल दोष के प्रभाव के अनुसार, पीपल विवाह, कुंभ विवाह, शालिग्राम विवाह किया जाता है. वहीं, मंगल यंत्र पूजन से भी मंगल दोष शांत होता है. मंगल दोष दूर करने के लिए 21 मंगलवार तक हनुमान जी के मंदिर में जाकर बजरंगबली को बूंदी के लड्डू, दो मीठा पान, लौंग व इलायची अर्पित करें. इसके बाद ‘ॐ भौम भौमाय नम:’ मंत्र का जाप करें.
बालाजी को सिंदूर चढ़ाएं. प्रतिदिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें. अपने पूजा घर में एक केसरिया गणपति की मूर्ति स्थापित करें और रोज उसकी पूजा करें. इसके साथ कन्या के मंगल दोष होने पर भगवान विष्णु से विवाह करवाकर मंगल दोष को समाप्त किया जा सकता है.