होलिका दहन पर क्यों लगाते हैं सरसों का उबटन, जानें इससे होने वाले अलग-अलग तरह के फायदे
नई दिल्ली। होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस साल 8 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा। होली से एक दिन पहले होलिका दहन होता है। ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन की रात सरसों का उबटन बनाकर पूरे शरीर की मालिश करनी चाहिए और फिर जो मैल निकले उसे होलिका अग्नि में डाल देना चाहिए। इससे हमारा शरीर रोग मुक्त होता है और चेहरे पर कांति आती है। होलिका की परिक्रमा करने का भी काफी महत्व है। इससे भी जीवन में चल रही परेशानियां, रोग, दोष दूर होते हैं।
ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन के दिन घर के सभी लोग यदि हल्दी मिले हुए उबटन का इस्तेमाल शरीर में करते हैं और शरीर से उतारे हुए उबटन को होलिका की अग्नि में डालते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से शरीर और घर में मौजूद सभी नेगेटिव एनर्जी होलिका की अग्नि में प्रवाहित हो जाती हैं और शरीर रोग मुक्त हो जाता है।
ऐसे बनाएं उबटन सरसों का उबटन
– सरसों के दानों को दही, शहद, नींबू का रस और कॉर्नफ्लोर मिलाकर पीस लें।
– इस पेस्ट को चेहरे पर लगभग 20-25 मिनट लगाकर सूखने दें।
– इसके बाद हल्के हाथों से मसाज करते हुए इसे छुड़ाएं।
– छुड़ाते हुए अगर सूखा फील हो रहा है तो हल्का सा तेल हाथों में लेकर छुड़ाएं। इससे स्क्रबिंग आसान हो जाएगी।
– आप चाहे तो सरसों के दानों को भूनकर भी उबटन तैयार कर सकते हैं। भूनने के बाद सरसों के दानों का पेस्ट बनाकर उसमें 1 टीस्पून नारियल तेल मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। ये भी स्किन के लिए फायदेमंद है।
सरसों के उबटन के फायदे
– चेहरे और हाथ-पैरों पर सरसों का उबटन लगाने से त्वचा हेल्दी और चमकदार बनती है।
– सरसों के छोटे-छोटे दान एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होते हैं, जिससे यह मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया का सफाया करते हैं। त्वचा बेदाग रहती है।
– सरसों में मौजूद विटामिन और एंटी-बैक्टीरियल तत्व त्वचा को हाइड्रेटेड रखने का काम करते हैं।
– सरसों का उबटन बहुत ही बेहतरीन स्क्रब होता है। सफाई के साथ ही ये स्किन को डीप मॉइश्चराइज भी करता है।
– यह त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली यूवी किरणों और फ्री रैडिकल्स से भी हमारा बचाव करता है।
होलिका दहन के मौके पर सरसों के तेल और हल्दी का उबटन लगाने की परंपरा है। इस उबटन को लगाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। सर्दियों में सरसों तेल की मालिश या सरसों के उबटन को शरीर पर मलने से वात रोगों से मुक्ति मिलती है।