महिला दिवस 2024: वेदांता एल्यूमिनियम ने शुरु किया अभियान
7 मार्च 2024: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 से पहले भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने शीर्षक से धातु व खनन उद्योग में कार्यरत महिलाओं के विषय पर एक प्रभावशाली सोशल मीडिया अभियान शुरु किया है। इस मुहिम के तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और लघु फिल्मों का इस्तेमाल करते हुए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे इन उद्योगों में बेहतरीन करियर बनाने के लिए आगे आएं। यह मुहिम इस उद्योग की कोशिशों का एक हिस्सा है कि इन क्षेत्रों में महिलाओं की नुमाइंदगी में इजाफा किया जाए क्योंकि सामाजिक पूर्वाग्रहों और मजबूत रोल मॉडल न होने की वजह से धातु व खनन उद्योग में महिलाओं की संख्या वृद्धि बहुत ही धीमी रही है।
कैम्पेन में रचनात्मक ढंग से इस चुनौती को दो तरह से हल किया गया है। पहला, यह कैम्पेन इस पूरे उद्योग को करियर की प्रारंभिक अवस्था में मौजूद महिला पेशेवरों के लिए एक आकर्षक क्षेत्र के तौर पर प्रस्तुत करती है। दूसरा, वेदांता एल्यूमिनियम में कोर ऑपरेशंस संभाल रही महिला पेशेवरों के जीवन की झलक भी इसमें दिखाई गई है। कंपनी की महिला कर्मचारियों को रोल मॉडल की तरह दर्शाया गया है ताकि और ज्यादा महिलाएं स्वयं की कल्पना इस उद्योग में काम करते हुए कर सकें। वेदांता एल्यूमिनियम का लक्ष्य है की निकट भविष्य में उसके सकल कार्यबल का कम से कम एक तिहाई हिस्सा महिला कर्मचारियों का हो और इस कैम्पेन के माध्यम से कंपनी उस लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर होना चाहती है।
इस मुहिम का पहले भाग का शीर्षक है ’वुमेन ऑफ मेटल’, इसमें लघु फिल्मों की एक श्रृंखला दिखाई गई है जिनमें दर्शक देखेंगे कि वेदांता एल्यूमिनियम में युवा महिला पेशेवर किस तरह से महत्वूर्ण दायित्व निभा रही हैं। कंपनी एक कदम और आगे जाते हुए महिलाओं को रात की पाली में काम करने का मौका दे रही है ताकि वे पुरुष कर्मचारियों के समकक्ष हो सकें, भारतीय संदर्भ में यह एक अनूठी चीज है। दूसरे भाग का शीर्षक है ’द फ्यूचर फीमेल सिरीज़’ इसमें कंपनी के कोर फंक्शंस में कार्यरत महिला पेशेवरों को दर्शाया गया है जैसे कि माइन ऑपरेशंस, मेटल प्रोडक्शन, पावर जेनरेशन, प्लांट मैनेजमेंट व असैट सिक्युरिटी। जेनरेटिव एआई टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करते हुए इसमें दिखाया गया है कि ये कर्मचारी अपने मौजूदा माहौल से तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य में पहुंच जाती हैं, इस तरह यह बताया गया है कि ये करियर भविष्य में भी आकर्षक बने रहेंगे।
यह कैम्पेन सभी अग्रणी सोशल प्लैटफॉर्म्स पर लाइव हो चुकी है, इनके लिंक यहां दिए गए हैं:
वुमेन ऑफ मेटल
द फ्यूचर फीमेल सिरीज़
इस कैम्पेन में प्रस्तुत की गई कहानियां इसलिए अहमियत रखती हैं क्योंकि धातु, खनन व मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अत्यंत कम है। भारत की तीव्र आर्थिक प्रगति के चलते इन उद्योगों में कई गुना वृद्धि अपेक्षित है और दुनिया भर में ऊर्जा के परिवर्तन में तेजी आने को है, इसलिए भविष्य में धातुओं का महत्व बहुत बढ़ जाएगा। वेदांता एल्यूमिनियम बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए सक्रियता से अपने प्रचालनों का विस्तार कर रही है, नतीजतन इन क्षेत्रों में नए करियर विकल्पों का तो जैसे विस्फोट ही हो जाएगा। लेकिन, इस स्थिति में प्रतिभाओं की कमी आड़े आ सकती है क्योंकि लोगों के मन में गलत धारणा है कि इन क्षेत्रों में काम करने के लिए कड़ा शारीरिक श्रम करना पड़ता है, जब कि तथ्य यह है कि रोबोटिक्स व ऑटोमेशन जैसी प्रौद्योगिकियों के अमल से अब वैसी जरूरत नहीं रही और अब तो प्रक्रियाएं बहुत बेहतर व उन्नत हो चुकी हैं।
इस संदर्भ में कैम्पेन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की एक सटीक तस्वीर पेश करती है। इस उद्योग में सबसे ज्यादा महिला कर्मचारी वेदांता एल्यूमिनियम में हैं और कंपनी यह सुनिश्चित करती है नए भर्ती किए जाने वाले कुल कर्मचारियों में 50 प्रतिशत महिलाएं हों। जो महिलाएं पहले से ही वेदांता एल्यूमिनियम में काम कर रही हैं वे उपयुक्त रोल मॉडल हैं जो अनेक महिलाओं को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। यह कैम्पेन इसलिए बहुत ही रचनात्मक है क्योंकि एक आवश्यक व तेजी से बढ़ते उद्योग में महिलाओं की भ…