रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के शोध निदेशालय द्वारा प्री पी.एच.डी. अभिन्यास कार्यक्रम का आयोजन
बरेली, 06 अक्टूबर। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के शोध निदेशालय द्वारा कल प्री पी.एच.डी अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन अटल सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र की छात्राओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति की। अतिथियों के औपचारिक स्वागत के पश्चात कार्यक्रम की रूपरेखा प्रो. सुधीर कुमार , निदेशक, शोध निदेशालय द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. कृष्ण कुमार , हार्वर्ड विश्वविद्यालय, वॉशिंगटन , यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका रहे । शोधार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने शोध से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं से अवगत कराया। साथ ही साथ विश्वविद्यालय को संयुक्त शोध कार्य हेतु आमंत्रण भी दिया। अपने वक्तव्य में प्रोफेसर कुमार ने कहा कि शोध करने हेतु उद्देश्य निर्धारण अत्यंत आवश्यक है l शोध को व्यवस्थित रूप से यदि संचालित किया जाए तो यह शोधार्थियों के ज्ञान के भंडार में वृद्धि करता है। तथ्यों का संकलन कर उसका अवलोकन और विश्लेषण करके नए तथ्यों और सिद्धांतों की खोज की जाती है। उन्होंने शोधार्थियों के समक्ष अपने द्वारा किए गए शोध कार्य को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत कर समझाया कि किस प्रकार डाटा और आंकड़ों का विश्लेषण करके हम सही परिणाम न केवल प्राप्त कर सकते हैं बल्कि इन परिणामों का उपयोग भी कर सकते हैं । शोधार्थियों को कार्य के प्रति सलंग्नता, क्षमता, जिज्ञासा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, सैद्धांतिक और व्यावहारिक समझ तथा योजनाओं को लागू करने के गुण विकसित कर नए क्षेत्रों और विषयों में अनुसंधान करना चाहिए। वैज्ञानिक शोध के लिए समस्या का चयन अवलोकन, पृष्ठभूमि को समझ कर परिकल्पना का निर्माण करना, प्रयोग की रूपरेखा तैयार करना, डाटा का विश्लेषण करना तथा निष्कर्ष निकालना चरण दर चरण व्यवस्था है जिसका उपयोग करके विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों की खोज की जा सकती है। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में स्थापित अप्लाइड साइंस रिसर्च सेंटर के विषय में भी बताया और कहा कि इस केंद्र की स्थापना कंप्यूटर साइंस, मैथमेटिक्स, डाटा साइंस, क्लाउड कम्प्यूटिंग, फिजिक्स मैनेजमेंट, फार्मेसी आदि विषयों से संबंधित शोध कार्य हेतु की गई है और इस डाटा सेंटर के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में जैसे स्वास्थ्य , पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, सोशल जस्टिस, पर्यावरण संबंधी शोध, आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों से संबंधित शोध किए जा रहे है और इसके साथ ही साथ उन्होंने विश्वविद्यालय को भी शोध कार्य हेतु हार्वर्ड विश्वविद्यालय के डाटा सेंटर से जुड़ने का आमंत्रण भी दिया ताकि संयुक्त रूप से सामाजिक क्षेत्र में लाभ पहुंचाने वाले शोध कार्य को बढ़ावा दिया जा सके। इस अवसर पर कुलपति प्रो.के.पी. सिंह ने कहा कि शोध निदेशालय द्वारा लगातार विद्यार्थियों को उचित अवसर देने के प्रयास किया जा रहे हैं । मात्र 100 विद्यार्थियों से प्रारंभ हुए शोध विद्यालय में वर्तमान में 4000 से अधिक शोधार्थी शोध कर रहे हैं जिसमें 56 से अधिक विषयों में पी.एच.डी. प्रोग्राम उपलब्ध कराया जा रहा है। 500 से अधिक जे. आर.एफ.,500 से अधिक शोध अवार्ड हो चुके है, 30 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च स्कॉलर, साथ ही साथ प्रत्येक वर्ष शोधार्थियों को लगभग 2 करोड़ से अधिक स्कॉलरशिप भी प्रदान की जा रही है ।इसके साथ ही साथ विभिन्न संस्थाओं द्वारा रिसर्च प्रोजेक्ट भी शोध निदेशालय के माध्यम से विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए है। 600 विद्यार्थियों ने इस वर्ष शोध हेतु प्रवेश लिया है। कैंपस और कॉलेज के सभी सुपरवाइजर और शोधार्थियों विश्वविद्यालय की रिसर्च टीम है, मिल कर शोध करे और उपलब्ध सुविधाओं का लाभ उठाए और नए शोध करे। डिजिटल लर्निंग हब भी विश्वविद्यालय में बनाया जा रहा है जो शोधार्थियों के लिए लाभकारी होगा।
डा.ब्रजेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में कुलसचिव श्री संजीव कुमार, प्रो. ए. के.सिंह, प्रो. शोभना सिंह, प्रो भोला खान, प्रो.जे.एन.मौर्य, प्रो.उपेंद्र कुमार, प्रो तूलिका सक्सेना, डॉ. ज्योति पाण्डेय, डॉ छवि शर्मा, डॉ.ललित कुमार , डॉ इरम नईम, श्री तपन वर्मा, शोध समिति के सभी सदस्य, रिसर्च सुपरवाइजर्स, शिक्षक, शोधार्थी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश सक्सेना की रिपोर्ट