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विदेशी निवेशकों ने अडानी ग्रुप का किया समर्थन, US में अभियोग के बाद भी नहीं बदला नजरिया

नई दिल्ली : अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने अडानी ग्रुप को अपना समर्थन दोहराते हुए कहा कि समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका (America) में अभियोग के बावजूद समूह में निवेश को लेकर उसका नजरिया बदला नहीं है। इस बीच, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और तंजानिया सरकार ने भी अडानी समूह को पूरा समर्थन देने की बात कही है।

बता दें शेयर मार्केट में भारी गिरावट के बावजूद गुरुवार को विवादों में घिरे अडानी समूह की पांच कंपनियों के शेयर तेजी के साथ बंद हुए। अडानी टोटल गैस में करीब 16 फीसद की तेजी रही जबकि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस 10 फीसद, अडानी ग्रीन एनर्जी 10 फीसद और अडानी एंटरप्राइजेज 1.63 फीसद चढ़ गए। हालांकि, अडानी पोर्ट्स के शेयर में 2.73 फीसद, एनडीटीवी में 2.03 फीसद, एसीसी में 0.75 फीसद, अंबुजा सीमेंट्स में 0.48 फीसद, अडानी विल्मर में 0.44 फीसद और सांघी इंडस्ट्रीज में 0.17 फीसद की गिरावट आई।

आईएचसी 100 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने वाली सबसे बड़े सरकारी कोष में से एक है। आईएचसी ने अप्रैल 2022 में समूह की रिन्यूबल एनर्जी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लि. (एजीईएल) और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था। उसने समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एक अरब डॉलर का निवेश किया था।

अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों ने भी अडानी समूह के प्रति अपना समर्थन दोहराया है। श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण ने अडानी समूह के साथ अपनी साझेदारी में भरोसा जताया है जिसने उनके देश के बंदरगाह बुनियादी ढांचे के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोलंबो टर्मिनल में एक अरब डॉलर के निवेश के साथ यह परियोजना श्रीलंका के बंदरगाह क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा।

तंजानिया सरकार ने भी अडानी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। तंजानिया और अडानी पोर्ट्स ने मई 2024 में दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल-2 को संचालित करने के लिए 30 साल के रियायत समझौते को अंतिम रूप दिया था।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य सरकार और अडानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लि. विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना के लिए पूरक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। इसके पहले चरण के अगले महीने चालू होने की उम्मीद है। समझौते के अनुसार, केरल के समुद्री बुनियादी ढांचे में इस परियोजना का दूसरा और तीसरा चरण 2028 तक पूरा हो जाएगा। इन चरणों में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश शामिल होगा, जिससे बंदरगाह की क्षमता 30 टीईयू (20 फुट समतुल्य इकाई) तक बढ़ जाएगी।

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