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हिट सूफ़ी संगीत के साथ नुसरत फ़तेह अली खान की लेगसी  को आगे बढ़ाने के लिए फैनस ने सागर भाटिया  की खूब की सराहना

90 के दशक के भारतीय म्यूज़िक  पर सूफी का  काफी इन्फ्लुएंस  देखा गया है  और नुसरत फतेह अली खान जैसे लीजेंड  कलाकारों ने कव्वाली और ग़ज़ल म्युज़िक को एक नया चेहरा और नई पहचान दी। परन्तु  जैसे-जैसे समय बीतता गया इसका प्रभाव ख़त्म होने लगा ऐसे में  सागर भाटिया ने इस एक नया स्पर्श देकर  कव्वाली शैली का पुनरुत्थान किया है, खासकर अपनी सागर वाली कव्वाली के द्वारा ।

जिस तरह से कलाकार ने इस जॉनर  को नया रूप दिया है, प्रशंसकों ने नुसरत फतेह अली खान साहेब  जैसे कलाकार की लेगसी  को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श उत्तराधिकारी के रूप में उनकी प्रशंसा की है। सागर के यूट्यूब चैनल पर महान गायक के प्रतिष्ठित कव्वाली गीतों के कवर को लाखों व्यूज मिले हैं और प्रशंसक नई पीढ़ी के बीच उनके द्वारा बनाए गए प्रभाव की प्रशंसा करने से खुद को रोक नहीं पाते हैं।

एक प्रशंसक ने उनके वीडियो पर कॉमेंट करते हुए कहा , “नुसरत साहब आज उनका गाना सुनकर  स्वर्ग में बहुत खुश होंगे,” जबकि एक अन्य ने कहा, “हमारे नुसरत साहब की याद आ गई।” सागर द्वारा नुसरत साहब को ‘सादगी’ शीर्षक से दी गई श्रद्धांजलि पर एक श्रोता ने टिप्पणी की, ”मैंने नुसरत साहब के गाने के बारे में सबसे अच्छा कवर सुना है। आपकी आवाज़ बहुत जादुई है,” जबकि दूसरे ने लिखा, “नुसरत साहब को असली श्रद्धांजलि यहीं है।” एक अन्य प्रशंसक ने कहा, “आपने नुसरत साहब के नशे को और गहरा कर दिया।”

सागर ने वास्तव में अपने कव्वाली संगीत के साथ अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाई है जिसमें मॉडर्न  अपील है, और उन्होंने अपने गीतों के साथ नुसरत साहब जैसे कलाकार को सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि भी दी है। कलाकार कव्वाली शैली को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं और इसे मेनस्ट्रीम  म्यूजिक  परिदृश्य में वापस ला रहे हैं।

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