वेदा का आपका किरदार बड़ा पेचीदा है”मुझे लगता है कि मैं और वेदा दोनों ही अंडरडॉग्स हैं”: शर्वरी
1. क्या आपने इस फिल्म में काम करते हुए जॉन अब्राहम से कुछ सीखा?
जॉन सर के साथ काम करना हमेशा से मेरी ख्वाहिश थी। उनसे जो सबसे अहम चीज़ मैंने सीखी, वो है अनुशासन और अपने काम के लिए सच्चाई। तपती धूप में मुश्किल एक्शन सीन करने के बाद भी वो हमेशा जिम जाने के लिए तैयार रहते थे। यह देखकर मुझे भी लंबे वक्त तक मेहनत और लगातार काम करने की प्रेरणा मिली। मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि उन्होंने इस फिल्म में एक आर्टिस्ट और प्रोड्यूसर के तौर पर अपना 2000% दिया है। वो वाकई एक बेहद प्यारे इंसान हैं।
2. वेदा का आपका किरदार बड़ा पेचीदा है— एक छोटे शहर की लड़की, जो सामाजिक मसलों में उलझी हुई है। उसकी शख्सियत का कौन-सा हिस्सा आपके दिल को सबसे ज्यादा छू गया?
मुझे लगता है कि मैं और वेदा दोनों ही अंडरडॉग्स हैं। जैसे किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि वेदा अपने हालात से लड़कर जीत हासिल करेगी, वैसे ही किसी ने ये नहीं सोचा था कि मैं बॉलीवुड में अपनी जगह बना पाऊंगी। लेकिन मैं यहां हूं, और हर रोज़ कुछ नया सीखने, मेहनत करने और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हूं, ताकि अपने घरवालों और इस खूबसूरत इंडस्ट्री को मुझ पर नाज़ हो। वेदा का किरदार मुझे इसलिए भी पसंद आया क्योंकि उसने अपनी तालीम और अपनी ताकत का इस्तेमाल समाज की बुराइयों से लड़ने के लिए किया। जब मैंने इस कहानी को पढ़ा, तो वेदा का ये पहलू मुझे बहुत खास लगा। वो अपनी पहचान साबित करने के लिए हर हद तक जाती है, और सच बोलने का साहस जुटाती है — इन सभी बातों ने मेरे अंदर भी ये जज़्बा पैदा किया कि मैं खुद के लिए ईमानदार रहूं।
3. इस फिल्म से आपने सबसे बड़ी सीख क्या ली?
इस फिल्म ने मुझे सिखाया कि छोटी-छोटी चीजों की अहमियत सबसे ज्यादा होती है। अनुशासन रखना, हर रोज़ खुले दिल-दिमाग के साथ नई चुनौतियों का सामना करना— ये वो बातें हैं जो मेरे करियर में बहुत मदद करेंगी। वेदा ने मुझे ये यकीन दिलाया कि सच्चाई और सादगी में ही असली ताकत होती है। उम्मीद करती हूं कि हमारे दर्शक भी इससे जुड़ेंगे। इस फिल्म में काम करते हुए मैंने ये समझा कि मंज़िल से ज्यादा सफर की अहमियत होती है और हमें इसे दिल से अपनाना चाहिए।
तो तैयार हो जाइए! देखिए ‘वेदा’ का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर, शनिवार, 21 दिसंबर रात 8 बजे, सिर्फ ज़ी सिनेमा पर!