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शादी के 7 दिन बाद ही आतंकियों ने की करनाल के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की हत्या, यूरोप का वीजा नहीं मिलने पर गए थे पहलगाम

करनाल: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हरियाणा में करनाल के रहने वाले नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल (26) की गोली मारकर हत्या कर दी। लेफ्टिनेंट विनय की हत्या से 7 दिन पहले ही गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल से शादी हुई थी। वे दोनों 21 अप्रैल को ही हनीमून मनाने के लिए पहलगाम गए थे।विनय की मौत की सूचना मिलते ही उनके पिता, बहन और ससुर रात को ही कश्मीर रवाना हो Pihu। बुधवार सुबह विनय का पोस्टमॉर्टम हुआ। उनकी पार्थिव देह हवाई मार्ग से दिल्ली पहुंच गई है। शाम को उनका करनाल में स्थित पैतृक गांव भुसली में अंतिम संस्कार होगा। वर्तमान में उनका परिवार करनाल के सेक्टर 7 में रहता है। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंद्र कल्याण लेफ्टिनेंट विनय के घर पहुंचकर शोक जताया। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी विनय के दादा से बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बुजदिल और घिनौने कृत्य को अंजाम देने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई अडिग और अटल है।

पहलगाम में कल (22 अप्रैल) को आतंकी हमले के बाद हिमांशी ने ही खुलासा किया था कि आतंकियों ने नाम पूछकर गोली मारी। हिमांशी का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें हिमांशी ने कहा था-मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी। एक आदमी आया और कहा ये मुस्लिम नहीं है, फिर गोली मार दीहिमांशी ने आगे कहा था कि मंगलवार को जब वे बैसरन घाटी में घूम रहे थे, उसी दौरान आतंकियों ने विनय पर फायरिंग कर दी। जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि वह सुरक्षित है।

घटना पर नौसेना की तरफ से कहा गया, “भारतीय नौसेना लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की दुखद क्षति से स्तब्ध और दुखी हैं, जो पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हो गए। इस दुख की घड़ी में हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने जिन टूरिस्ट की हत्या की, उनमें हरियाणा के करनाल के रहने वाले नेवी के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी थे। वह 3 साल पहले ही नेवी में भर्ती हुए थे। उनकी 7 दिन पहले ही मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग हुई थी। इसके बाद वह पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून मनाने के लिए पहलगाम गए थे।दादा हवा सिंह ने बताया- पहले विनय-हिमांशी हनीमून मनाने के लिए यूरोप जा रहे थे। लेकिन, ऐन मौके पर वीजा नहीं मिला तो वे जम्मू-कश्मीर चले गए। दादा हवा सिंह रुंधे गले से कहते हैं..काश, उनका यूरोप का वीजा लग जाता तो पोता विनय आज हमारे बीच होता।लेफ्टिनेंट विनय का 8 दिन बाद 1 मई को बर्थडे भी था। शादी के बाद पहले बर्थडे को लेकर परिवार ने ग्रैंड पार्टी प्लान की थी। इसके बाद 3 मई को उन्हें पत्नी के साथ कोच्चि ड्यूटी पर लौटना था। विनय नरवाल मूल रूप से करनाल के भुसली गांव के रहने वाले थे। लेकिन, 15 साल से उनका परिवार सेक्टर-7 में रह रहा है। उनकी स्कूलिंग करनाल के संत कबीर स्कूल से हुई। जिसके बाद दिल्ली से उन्होंने बीटेक किया। विनय पढ़ाई में तेज थे।विनय के दादा हवा सिंह ने कहा, “हमारा परिवार शुरू से ही आर्मी से जुड़ा रहा है। मेरे ताऊजी भी आर्मी में थे। विनय के नाना के भाई भी आर्मी में रहे और उन्होंने अंग्रेजों के साथ भी लड़ाई लड़ी। मेरा भतीजा भी आर्मी में है। मैं खुद पहले बीएसएफ में था। वहां से रिटायर होने के बाद मैंने हरियाणा पुलिस जॉइन की और अब पुलिस से भी रिटायर हो चुका हूं।

विनय की ड्यूटी केरल के कोच्चि में थी। पिता राजेश कुमार कस्टम विभाग में सुपरिंटेंडेंट के पद पर हैं। उनकी ड्यूटी पानीपत में है। दादा हवा सिंह 2004 में हरियाणा पुलिस से रिटायर हुए। मां आशा देवी और दादी बीरू देवी गृहिणी हैं। विनय की छोटी बहन सृष्टि दिल्ली में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं।विनय का 2 महीने पहले ही गुरुग्राम की हिमांशी के साथ रिश्ता पक्का हुआ था। हिमांशी पीएचडी कर रही हैं और साथ ही बच्चों को ऑनलाइन भी पढ़ाती हैं। हिमांशी के पिता सुनील कुमार गुरुग्राम में एक्साइज एंड टैक्सेशन ऑफिसर (ईटीओ) हैं। 28 मार्च को विनय शादी के लिए छुट्‌टी लेकर आए थे। 16 अप्रैल को मसूरी में उनकी शादी हुई। 19 तारीख को करनाल में रिसेप्शन पार्टी रखी गई थी।शादी के बाद उनका यूरोप में हनीमून का प्लान था। इसके लिए वीजा भी अप्लाई किया था। लेकिन, वीजा नहीं लग पाया और यूरोप जाने का प्रोग्राम कैंसिल हो गया। इसके बाद 21 अप्रैल को दोनों जम्मू-कश्मीर के लिए निकल गए। 22 अप्रैल को वे पहलगाम में होटल में ठहरे हुए थे। दादा हवा सिंह के मुताबिक खाना खाने के बाद वे नीचे डेस्टिनेशन पॉइंट पर घूमने के लिए गए थे। उसी दौरान आतंकी हमला हो गया।