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“वो सिर्फ मुकदमे नहीं लड़ता, बल्कि माइंड गेम्स भी खेलता है” रजत दहिया से खास बातचीत


मुंबई, जुलाई 2025: सोनी सब का शो उफ्फ… ये लव है मुश्किल प्यार की जटिलताओं को गहराई से दर्शा रहा है, यह दिखाते हुए कि पुरुष और महिलाएं एक ही स्थिति को कितनी अलग तरह से देख सकते हैं। शो की कहानी के केंद्र में हैं युग सिन्हा (शब्बीर आहलूवालिया), एक तेज दिमाग वाले लेकिन भावनात्मक रूप से सतर्क वकील, जो अतीत में प्यार में धोखा खा चुका है और अब महिलाओं से दूरी बनाकर रखता है। उसके ठीक उलट है कैरी शर्मा (आशी सिंह), एक जिंदादिल और प्यार में भरोसा रखने वाली लॉ स्टूडेंट, जो धीरे-धीरे युग की बनाई दीवारों को गिराने लगती है। अब इस कहानी में नया मोड़ लाते हैं विक्रम “विक्की” मल्होत्रा (रजत दहिया) — एक तेज, आकर्षक और खतरनाक वकील, जो हर कोर्टरूम की लड़ाई को माइंड गेम में बदल देता है। विक्की की एंट्री युग के साथ कोर्ट में सीधी भिड़ंत लाकर पूरी कहानी के समीकरण को हिला देगी।

इस खुलकर हुई बातचीत में, रजत दहिया ने विक्की मल्होत्रा के किरदार में ढलने के अनुभव और इसके रोमांचक पहलुओं के बारे में बताया। जब आपको विक्रम मल्होत्रा का रोल ऑफर हुआ, तो इस किरदार में सबसे ज्यादा क्या चीज़ आकर्षक लगी?
रजत: जैसे ही मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी, इस किरदार में कुछ जाना-पहचाना सा महसूस हुआ। एक वकील के तौर पर उसमें आकर्षण, चतुराई और माइंड गेम्स की झलक है — जैसे हर बार कोर्ट में घुसते ही शतरंज की बाजी शुरू हो जाती है। और मुझे अच्छी चालें चलना बहुत पसंद है। लीगल किरदार निभाने के लिए खास तरह की बॉडी लैंग्वेज और संवाद अदायगी की ज़रूरत होती है। क्या आपने विक्रम के लिए कोई खास तैयारी की? रजत: मैं डिग्री से इंजीनियर हूं, लेकिन वकील का रोल निभाने के लिए मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। मेरी परवरिश मेरी दादी और माँ जैसी मजबूत महिलाओं ने की है। तो कब बोलना है और कब चुप रहना है, ये समझ अपने आप आ गया। विक्रम के लिए बस उसमें थोड़ी तीक्ष्णता और नियंत्रण जोड़ दिया। वो सिर्फ जीतने के लिए नहीं बोलता, बल्कि सामने वाले को भ्रमित करने के लिए बोलता है।

रियल लाइफ में आप विक्रम से कितने अलग हैं? क्या उसमें कोई ऐसा गुण है जिसे आप पसंद या नापसंद करते हैं? रजत: मुझे विक्रम का आत्मविश्वास और निडरता पसंद है — वो कभी पीछे नहीं हटता। लेकिन वो बदले के लिए जितनी दूर तक जा सकता है, उससे मैं सहमत नहीं हूं। वो किसी एक से बदला लेने के लिए सब कुछ जला देने को तैयार होता है। डरावना है, भले ही प्रभावशाली लगे। मैं जानता हूं कि मैं विक्रम नहीं हूं — शूट के पहले और बाद जब आईने में खुद को देखता हूं, तो समझ जाता हूं कि ये सिर्फ एक किरदार है। मेरे लिए यह एक ऑफिस की तरह है — आना, एक्ट करना, और जाना  युग और विक्रम में काफी विरोधाभास हैं। ऐसे दृश्यों को कैसे निभाते हैं जहाँ आपको ये टकराव दर्शाना होता है?
रजत: मैं अपनी तैयारी को सरल रखता हूं और स्क्रिप्ट को फॉलो करता हूं। असली टेंशन तो छोटे-छोटे पलों में होती है, ज़रूरी नहीं कि हर बार ज़ोरदार लड़ाई हो। कई बार बस किसी को थोड़ी देर घूर लेना या एक डायलॉग को ज्यादा मिठास के साथ कहना भी असर कर जाता है। जब दो किरदारों का इतिहास गहरा हो और बैकस्टोरी में रहस्य हो, तो ड्रामा अपने आप आ जाता है।

ऑन-स्क्रीन विक्रम और युग के बीच गहरा और व्यक्तिगत टकराव है, जो विश्वासघात से जुड़ा है। ऑफ-स्क्रीन आपकी बॉन्डिंग कैसी है? रजत: शब्बीर के साथ काम करना जैसे किसी सगे भाई के साथ काम करना हो। कोई कोर्टरूम ड्रामा नहीं, बस अच्छी वाइब्स, चाय और शूट्स के बीच ढेर सारी हँसी। बाकी कास्ट भी कमाल की है — बेहद मज़ेदार और सच्चे लोग। अब तक की शूटिंग में कोई खास या मजेदार बीटीएस (बिहाइंड द सीन्स) पल जो आपको याद हो? रजत: पहला दिन ही सबसे यादगार था — बल्कि कहूं कि पहला शॉट। मैं सच में खोया हुआ था — दिमागी तौर पर भी और लोकेशन पर भी! एक नया कोर्टरूम सेट, दस पन्नों के डायलॉग, और एक अहंकारी किरदार में उतरना। लेकिन कुछ था उस पल में, सब क्लिक कर गया। उसी पल मुझे विक्रम मिला।
आने वाले एपिसोड्स में विक्रम युग और काइरी के रिश्ते में कैसे उलझनें लाने वाला है?

रजत: अगर मैं विक्रम को जानता हूं, तो वो हर छोटी दरार को बड़ा बना देता है। अगर उसे युग और कैरी के बीच कोई कमजोरी दिखी, तो वो बिलकुल नहीं रुकेगा। वो उसे बड़ा मसला बना देगा, क्योंकि वो ऐसे ही खेलता है — तेज़, सोचा-समझा, और हर हमले के मौके की तलाश में।
देखना न भूलें उफ्फ… ये लव है मुश्किल, हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर।