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कारगिल विजय दिवस पर बोले सेना प्रमुख, “ये नए भारत का संकल्प है, दुश्मन अब आंख उठाकर नहीं देख सकता”

नई दिल्ली: कारगिल विजय दिवस के मौके पर सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी का बड़ा बयान सामने आया है। सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक निर्णायक जीत है। ऑपरेशन सिंदूर संकल्प, संदेश और जवाब भी है। सरकार से मिली स्वतंत्रता से पाकिस्तान पर सटीक अटैक हुआ और पाकिस्तान को संदेश दिया, आतंकवाद को तबाह करेंगे।” सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कारगिल विजय दिवस के मौके पर कहा, “पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। सरकार से खुली छूट के चलते सटीक टारगेट को हिट किया गया। पाकिस्तान को उसी की भाषा में समझाया गया। आतंकियों के अड्डे तहस-नहस किए। ये नए भारत का संकल्प है। दुश्मन अब आंख उठाकर नहीं देख सकता। जो भारत के खिलाफ किसी भी साजिश को अंजाम देगा, उस पर आगे भी ऐसी कार्रवाई होगी।”

उन्होंने कहा, “हमने हमेशा शांति का अवसर दिया पर कायरता का जवाब पराक्रम से दिया। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प है, संदेश भी और जवाब भी। पठानकोट में हुआ कायरतापूर्ण आतंकी हमला पूरे देश के लिए एक गहरी चोट था। लेकिन इस बार भारत ने न केवल शोक जताया, बल्कि ठान लिया कि अब जवाब निर्णायक होगा। देशवासियों का अटूट विश्वास और सरकार द्वारा दी गई रणनीतिक स्वतंत्रता से भारतीय सेना ने एक सुनियोजित, सटीक और निर्णायक जवाब दिया। भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और POJK में 9 उच्च-स्तरीय आतंकियों को निशाना बनाया और ये बिना किसी मासूम नागरिक को नुकसान पहुंचाए हुआ। यह केवल जवाब नहीं था, यह स्पष्ट संदेश था कि आतंकवाद को सहारा देने वाले अब नहीं बचेंगे।”

हमारी आर्मी एयर डिफेंस एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी रही: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि 7 से 9 मई को पाकिस्तान द्वारा की गई सैन्य कार्रवाइयों का भारतीय सेना ने त्वरित और सटीक जवाब दिया। हमारी आर्मी एयर डिफेंस एक अजेय दीवार बनकर सामने खड़ी रही, जिसे न कोई डर भेद सका, न कोई मिसाइल। यह सब नेशनल अप्रोच के अंतर्गत हुआ, जहां थलसेना, वायुसेना, नौसेना और अन्य सरकारी विभाग मिलकर एक साथ खड़े रहे। जो भी शक्तियां भारत की संप्रभुता, अखंडता या जनता को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं, उन्हें करारा जवाब दिया गया है, और आगे भी दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज की भारतीय सेना न केवल वर्तमान चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना कर रही हैं, बल्कि हम नित्य-प्रतिदिन एक परिवर्तनशील, आधुनिक और भविष्य-उन्मुख शक्ति के रूप में तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। इसके अंतर्गत ‘रुद्र’ के रूप में नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड्स का गठन किया जा रहा है, जिनमें इनफैंट्री, मैकेनाइज्ड इनफैंट्री, आर्म्ड यूनिट्स आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम जैसे युद्धक घटकों को एकीकृत किया गया है। इन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और कॉमबैट सपोर्ट प्राप्त होंगे। इसी क्रम में, ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियंस के रूप में चुस्त और घातक स्पेशल फोर्सेस यूनिट्स का गठन किया गया है, जो सीमाओं पर शत्रु को चौंकाने के लिए तैयार हैं। हर इंफैंट्री बटालियन में ड्रोन प्लाटूंस और आर्टिलरी में ‘दिव्यास्त्र बैटरी’ के माध्यम से और Loiter Munition Batteries से मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाया गया है।

लद्दाख में ही ड्यूल यूज इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत सड़कें, पुल और नेटवर्क तैयार किए जा रहे: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि आर्मी एयर डिफेंस को स्वदेशी मिसाइल सिस्टम से सुसज्जित किया जा रहा है। हम पूरी तरह से तैयार हैं कि भारत की 100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ तक ‘विकसित भारत’ का सपना साकार करें। इस राष्ट्र निर्माण में हमारी सबसे बड़ी ताकत है हमारा विशाल सैन्य परिवार, जो लगभग 1.3 करोड़ लोगों का समुदाय है। इसमें सेवारत सैनिक, उनके परिवार, वेटरन्स, और वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजन शामिल हैं। लद्दाख इसका उदाहरण है। जहां हजारों सैनिक तैनात हैं, अनेक वेटरन्स रहते हैं। सेना केवल रक्षा ही नहीं कर रही, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

उन्होंने कहा कि लद्दाख में ही ड्यूल यूज इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत सड़कें, पुल और नेटवर्क तैयार किए जा रहे हैं, जो सेना और स्थानीय नागरिकों दोनों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत चयनित गांवों में भारतीय सेना द्वारा प्राथमिकता से विकास कार्य चल रहे हैं। बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बैटरफील्ड, स्प्रिचुअल इकोलॉजिकल, हेरीटेज और एडवेंचर टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में काम किया जा रहा है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल रहा है।

स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही सेना
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना स्थानीय युवाओं को टूर गाइड, पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बना रही है। स्मार्ट बॉर्डर्स पहल के तहत लद्दाख और अन्य सुदूर इलाकों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए सेना के कम्यूनिकेशन टावर्स का उपयोग हो रहा है। प्राकृतिक आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में सेना अहम भूमिका निभा रही है।

उन्होंने कहा कि हमारे वेटरन्स, आपका योगदान हमारी ताकत है। भले ही आज आपने वर्दी उतार दी हो, लेकिन आपका जज्बा और राष्ट्र के प्रति समर्पण आज भी उतना ही अमूल्य है। आप न केवल हमारी सेना की गौरवशाली विरासत के वाहक हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के एक महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं।