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यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने पर बिजली बिल में 2% से ज्यादा मिल सकती है छूट, UPPCL का प्रस्ताव

लखनऊ: यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में मिलने वाली राहत दो प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है। यूपी पॉवर कॉरपोरेशन ने बिजली दरों में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के प्रस्ताव को आधार बनाकर दाखिल किए गए सुझाव पर बिजली कंपनियों से जवाब मांगा है। केंद्र सरकार ने सभी बिजली कंपनियों से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को 5 प्रतिशत तक राहत देने का विचार करने का सुझाव दिया है। यूपी पॉवर कॉरपोरेशन ने प्रीपेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रस्ताव दिया है।

बिजली की नई दरें तय करने के दौरान हुई सुनवाई में प्रीपेड मीटर लगवाने वाले उपभोक्ताओं को ज्यादा राहत दिए जाने की मांग की गई है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सभी बिजली कंपनियों में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के सुझाव के आधार पर दो प्रतिशत का प्रस्ताव बढ़ाकर पांच प्रतिशत किए जाने की मांग रखी थी। अब जबकि सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और नियामक आयोग नई दरें तय करने की तरफ आगे बढ़ रहा है तो उसने सभी बिजली कंपनियों से इस पर जवाब मांगा है।

सूत्र बताते हैं कि आयोग केंद्र सरकार के सुझाव के आधार पर इस राहत को बढ़ाने की मंशा रखता है। हालांकि, अंतिम फैसला बिजली कंपनियों और पावर कॉरपोरेशन का जवाब आने के बाद ही लिया जाएगा। केंद्र सरकार ने प्रीपेड मीटर को प्रोत्साहित करने के लिए राहत का सुझाव दिया है। केंद्र सरकार का मानना है कि प्रीपेड मीटर लगने के बाद बिल वसूली का झंझट खत्म होगा और राजस्व दक्षता में इजाफा होगा, लिहाजा इसका लाभ उपभोक्ताओं के साथ साझा किया जाना चाहिए।

33 लाख से ज्यादा प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं
प्रदेश में 33 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं के यहां रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत पोस्टपेड मीटरों की जगह स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। अगले दो महीने के भीतर जब तक बिजली की नई दरें तय होने की उम्मीद है तब तक यह आंकड़ा 60 लाख के पार जा सकता है। बीते साल नवंबर में जब बिजली कंपनियों ने वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया था, तब प्रीपेड मीटरों की संख्या इस योजना के तहत 10 लाख के आसापास भी नहीं थी। इसके अलावा बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले उपभोक्ताओं के यहां पहले से ही प्रीपेड मीटर लगे हैं, उनकी संख्या इस 33 लाख में शामिल नहीं है।

इस आधार पर दिया गया है छूट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
– प्रीपेड उपभोक्ता बिल की राशि पहले ही जमा करते हैं, लिहाजा उससे बिजली कंपनियों को ब्याज मिलेगा

– बिल वसूली का झंझट खत्म होगा, लिहाजा मीटर रीडरों की आवश्यकता में कमी आएगी

– बिल बनाने वाले लोगों की मैनपावर में कमी होगी, इसलिए बिजली कंपनियों का खर्च कम होगा

– बिजली कंपनियों की राजस्व दक्षता में इजाफा होगा

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