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चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, 3 लाख ‘संदिग्ध’ नाम कटेंगे; बांग्लादेश-नेपाल से आए लोगों को नोटिस

पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर सियासी भूचाल आ गया है। चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए गए विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के तहत लगभग 3 लाख लोगों को नोटिस भेजे जाने से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। आयोग को इन लोगों के दस्तावेजों में विसंगतियां मिली हैं, जिनमें से कई पर बांग्लादेश और नेपाल से आकर भारतीय वोटर कार्ड बनवाने का संदेह है। इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD नेता तेजस्वी यादव “वोटर अधिकार यात्रा” निकाल रहे हैं, जिसमें अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हो गए हैं।

चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची को “शुद्ध” करने के लिए SIR अभियान चलाया है। इसके तहत उन 3 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी किया गया है, जिनके दस्तावेजों पर संदेह है। संतोषजनक जवाब या वैध दस्तावेज प्रस्तुत न करने पर इन लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटा जा सकता है। सबसे ज्यादा मामले नेपाल और बांग्लादेश की सीमा से सटे किशनगंज जैसे जिलों से सामने आए हैं।

जब इस मामले की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की गई तो कई भावुक और जटिल कहानियां सामने आईं। नेपाल की सीमा से सटे ठाकुरगंज में लोगों ने बताया कि भारत-नेपाल के बीच सदियों से “बेटी-रोटी” का संबंध रहा है। नेपाली लड़कियों की शादी भारत में होती आई है, लेकिन अब उनसे जो 11 तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, वे उन्हें देने में असमर्थ हैं, क्योंकि उनके माता-पिता नेपाली नागरिक थे और अब जीवित नहीं हैं।

वहीं, एक व्यक्ति ने दर्द बयां करते हुए कहा, “मेरे पिता बांग्लादेश से भारत आए थे, लेकिन मैं और मेरे भाई-बहन यहीं पैदा हुए हैं। मैंने वोटर आईडी और आधार कार्ड जमा किया था, लेकिन मजदूरी के लिए बाहर रहने के कारण निवास प्रमाण पत्र नहीं दे सका। अब अगर वोट का अधिकार छीना गया तो मैं अपने परिवार को लेकर कहां जाऊंगा?”

इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को राहुल और तेजस्वी के साथ यात्रा में शामिल हुए अखिलेश यादव ने SIR की प्रक्रिया पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह SIR का मतलब है कि वो ‘वोट चुराना’ चाहते हैं। आज वो वोट का अधिकार छीन रहे हैं, कल जाति प्रमाण पत्र और राशन कार्ड भी छीन लेंगे। यह बीजेपी का तरीका है, महंगाई और बेरोजगारी जैसे असली मुद्दों से ध्यान भटकाना।”

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