प्रीमियम EV पर टैक्स बोझ! ज्यादा GST से धीमी होगी ग्रोथ; कंपनियों ने जताई चिंता
नई दिल्ली: भारतीय बाजार (Indian Market) में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की मांग दिन पर दिन काफी तेजी से बढ़ते जा रही है, लेकिन अब एक प्रस्ताव ने पूरी ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) को चिंता में डाल दिया है. दरअसल, जीएसटी दरों (GST Rates) में सुधार को लेकर गठित मंत्रियों के समूह ने सुझाव दिया है कि 20 लाख रुपए से ऊपर की कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाए. हालांकि जीएसटी काउंसिल ने अभी अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन सिर्फ इस चर्चा ने ही कंपनियों और ग्राहकों की सोच पर असर डालना शुरू कर दिया है.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के एमडी शैलेश चंद्रा ने साफ कहा कि पिछले एक साल में ईवी ने भारत में जबरदस्त प्रगति की है. अब कई एसयूवी सेगमेंट में ईवी और आईसीई वाहनों की ऑन-रोड कीमत लगभग बराबर हो चुकी है. साथ ही देशभर में 24,000 से ज्यादा पब्लिक चार्जिंग स्टेशन और 500 किलोमीटर तक की रियल-रेंज कीमत लगभग बराबर हो चुकी है. साथ ही देशभर में 24 हजार से ज्यादा पब्लिक चार्जिंग स्टेशन और 500 किलोमीटर तक की रियल-रेंज वाली कारें मिलती है. ऐसे में जीएसटी का concessional 5% स्लैब उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने में अहम रहा है. अगर ये दर बढ़ती है तो ईवी की सेल और अपनाने की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी.

इसपर महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी राय देते हुए कहा कि 5 प्रतिशत दर ईवी पारंपरिक वाहनों की कीमतों के बीच का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. खासकर 10 से 40 लाख रुपए वाले सेगमेंट में. वहीं एमजी मोटर इंडिया के एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने कहा कि इससे ईवी को बढ़ावा देने में मदद मिलती थी. उन्होंने जीरो जीएसटी की मांग करते हुए कहा कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और होम चार्जिंग की सुविधा को भी आसान बनाया जाना चाहिए.
मर्सिडीज-बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा कि लग्जरी ईवी सेगमेंट में एंट्री-लेवल कारें सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है. हालांकि हाई-एंड कारों के ग्राहक कीमत के प्रति कम संवेदनशील होते हैं, लेकिन कम टैक्स स्लैब ने अभी तक सेल के लिए जरूरी वॉल्यूम बनाने में मदद की है. जुलाई 2025 में भारत में कुल 15,528 इलेक्ट्रिक कारें बिकी, जो पिछले साल की तुलना में 93 प्रतिशत की बढ़ोतरी है.
