Wednesday, November 12, 2025
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नई पीढ़ी के नाम संदेश: सीखिए, सोचिए और सेवा की राह पर चलिए – डॉ. राजेश्वर सिंह

लखनऊ। “जो युवा कौशलवान, पर्यावरण-सचेत, स्वस्थ, नैतिक और जागरूक हैं, वही भारत को 2047 तक विश्व-शक्ति बनाएंगे”, इस प्रेरणादायक विचार के साथ सरोजनीनगर विधानसभा के भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह जी ने रविवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘X’ (पूर्व में Twitter) पर एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया।

यह संदेश आज की युवा पीढ़ी के लिए दिशा-सूचक मार्गदर्शन के रूप में प्रस्तुत हुआ, जिसमें डॉ. सिंह जी ने भारत के युवाओं के 5 प्रमुख स्तंभ बताए –
जो उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे और राष्ट्र निर्माण के आधार स्तंभ बनेंगे।

1. कौशल उन्नयन और डिजिटल शिक्षा –
डॉ. सिंह जी ने कहा कि “AI और ऑटोमेशन की दुनिया में निरंतर सीखते रहना ही सफलता का पासपोर्ट है।” उन्होंने युवाओं को डिजिटल साक्षरता और नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के अनुसार भारत में 37.1 करोड़ युवा हैं, परंतु केवल हर 5 में से 1 युवा ही AI-स्किल्ड है।

2. पर्यावरण की ज़िम्मेदारी –
डॉ. सिंह ने Mission LiFE (Lifestyle for Environment) के तहत युवाओं की भागीदारी को सराहा, बताते हुए कहा, “पृथ्वी की रक्षा केवल जिम्मेदारी नहीं, पीढ़ियों का धर्म है।” UNICEF रिपोर्ट के अनुसार 94% भारतीय युवा जलवायु परिवर्तन से प्रभावित महसूस करते हैं, और 2 करोड़ से अधिक युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया है।

3. स्वास्थ्य और फिटनेस –
स्वास्थ्य पर जोर देते हुए डॉ. सिंह जी ने युवाओं को सचेत किया कि मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य सफलता के लिए आवश्यक हैं।
WHO रिपोर्ट (2024) के अनुसार हर 7 में से 1 किशोर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है, जबकि 38% भारतीय युवा पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते।

4. नैतिकता और संवेदनशीलता –
सामाजिक जिम्मेदारी को युवाओं की असली ताकत बताते हुए उन्होंने कहा, “बिना चरित्र के सफलता केवल एक छलावा है।” UNDP रिपोर्ट (2023) के अनुसार सामाजिक कार्य में जुड़े युवाओं में नेतृत्व क्षमता 40% अधिक पाई गई है।

5. वैश्विक दृष्टि और राष्ट्रीय गर्व –
डॉ. सिंह जी ने युवाओं से अपील की कि वे वैश्विक सोच रखते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहें। उन्होंने कहा, “भारत की 65% आबादी 35 वर्ष से कम है, यह जनसंख्या नहीं, जनशक्ति है।” यह पीढ़ी ही “विकसित भारत 2047” की वाहक बनेगी।

डॉ. राजेश्वर सिंह जी ने अपने संदेश में कहा कि, “आज के युवा केवल करियर नहीं, देश का भविष्य गढ़ रहे हैं। जो युवा कौशलवान, पर्यावरण-सचेत, स्वस्थ, नैतिक और जागरूक हैं -वही भारत को विश्व की अगुवाई करने वाली शक्ति बनाएंगे।” यह विचारोत्तेजक संदेश न केवल सरोजिनी नगर के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक दिशा और दृष्टि प्रस्तुत करता है।

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