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रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग द्वारा मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

बरेली, 23 नवंबर। महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के मार्गदर्शन में पादप विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय सातवें मशरूम कल्टीवेशन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण शिविर के कोऑर्डिनेटर एवं प्रशिक्षक डॉ विजय कुमार सिंहाल ने बताया कि स्वरोजगार उत्पन्न करने हेतु महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट श्री राजमणि शर्मा जी ने दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण शिविर का प्रारंभ किया एवं छात्रों के द्वारा उगाए गए मशरूम को मार्केट उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। एप्लाइड साइंस के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर जे एन मौर्य ने छात्र छात्राओं को प्रशिक्षण शिविर के लिए शुभकामनाएं दी। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव ने छात्रों से अपील की कि वह मशरूम कल्टीवेशन को व्यवसाय के रूप में अपनाते हुए अपनी आय में वृद्धि करें । प्रोफेसर संजय गर्ग ने छात्रों को मशरूम बाजार से संबंधित विस्तार से जानकारी दी। कृषि विज्ञान विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर उपेंद्र कुमार ने छात्रों को मशरूम की उपयोगिता के बारे में समझाया। प्रशिक्षक डॉक्टर विजय कुमार सिन्हाल ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन से लेकर उसकी बिक्री हेतु बाजार उपलब्ध कराते हुए संपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओयस्टर मशरूम प्रोटीन विटामिन खनिज तत्व से भरपूर सब्जी है इसमें मुख्य रूप से विटामिन बी12 कोबालामिन पाया जाता है जो अन्य सब्जियों में नहीं पाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण विटामिन है जो मानव शरीर में रक्त के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है एवं मस्तिष्क संबंधी बीमारियों को ठीक करने में उपयोग में लाया जाता है। आने वाले समय में ओयमशरूम उत्पादन का स्वर्णिम भविष्य है ।क्योंकि इसमें प्रति किलो 10 से 12 रुपए का उत्पादन खर्च आता है जबकि यह 100 से 150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बिकता है ।इस प्रकार किसानों को 5 से 10 गुना तक मुनाफा इसमें होता है। शिविर में 96 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमे छात्र,किसान, गृहणियों आदि शामिल थे।प्रशिक्षण शिविर को सफल बनाने में श्री जयप्रकाश,डॉक्टर पंकज कुमार अरोड़ा, डॉ ललित कुमार पांडे, डॉ शुभ्रा शुक्ला,अमिता पाठक, मीनाक्षी गंगवार, विनय प्रताप सिंह, क्षमा पांडे, विजेंद्र एवं एमएससी के छात्र छात्राओं का विशेष योगदान रहा।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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