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महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली में “प्रकृति और शांति का आशियाना” योग वाटिका का भव्य आयोजन

बरेली,04 जून। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने स्थित पार्क में “प्रकृति और शांति का आशियाना” नामक योग वाटिका का उद्घाटन एवं योग प्रदर्शनी-कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल महामहिम श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएलसी श्री कुंवर महाराज सिंह रहे, जबकि कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के कुल सचिव श्री संजीव कुमार सिंह ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं शंखनाद के साथ हुआ। इसके पश्चात योग प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न आसनों, प्राणायाम एवं योग क्रियाओं का प्रदर्शन किया गया। विश्वविद्यालय के पीजी डिप्लोमा इन योग के छात्रों एवं शिक्षकों ने योग की विभिन्न विधियों को प्रस्तुत करते हुए उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएलसी श्री कुंवर महाराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने की एक पवित्र कला है। आज के तनावपूर्ण जीवन में योग हमें आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह प्रसन्नता की बात है कि महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है और योग को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य कर रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “प्रकृति के सान्निध्य में योग करने का अनुभव अद्वितीय होता है। यह योग वाटिका न केवल विश्वविद्यालय परिवार के लिए, बल्कि सम्पूर्ण बरेली नगर के लिए एक स्वास्थ्य एवं शांति का केंद्र बनेगी।”

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने अपने संबोधन में योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “योग भारत की प्राचीन संस्कृति की एक अमूल्य देन है, जो हमें स्वस्थ जीवन जीने की कला सिखाता है। आज के दौर में, जब मानव जीवन अनेक बीमारियों और तनावों से घिरा हुआ है, योग ही वह साधन है जो हमें न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत बनाता है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय परिसर में योग को एक जीवनशैली के रूप में स्थापित किया जाए। इसी उद्देश्य से ‘प्रकृति और शांति का आशियाना’ योग वाटिका का निर्माण किया गया है, जहाँ छात्र, शिक्षक एवं कर्मचारी नियमित रूप से योगाभ्यास कर सकेंगे। हम माननीय राज्यपाल महामहिम श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिनकी प्रेरणा से यह कार्यक्रम संभव हो सका।”

कार्यक्रम के दौरान योग प्रशिक्षकों द्वारा सूर्य नमस्कार, पद्मासन, भुजंगासन, शवासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम जैसी विभिन्न योग क्रियाओं का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, इन आसनों के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यक्रम के अंत में परीक्षा नियंत्रक श्री संजीव कुमार सिंह ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि योग वाटिका का यह प्रयास विश्वविद्यालय के लिए एक नई पहल है, जिससे सम्पूर्ण परिसर में स्वास्थ्य एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। योग प्रशिक्षण एवं अभ्यास के पश्चात योग प्रदर्शनी में लगवाए गए विभिन्न पोस्टरों, कटआउट्स एवं बेंत से बने योगाचार्य की प्रतिमा को लोगों ने बड़ी रुचि के साथ देखा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी श्री विनोद कुमार, उप कुल सचिव श्रीमती सुनीता यादव एवं श्रीमती ममता सिंह, प्रोफेसर पीबी सिंह, प्रोफेसर रविंद्र सिंह, प्रोफेसर विनय रिशिवाल, प्रोफेसर एसएस बेदी, प्रोफेसर एके सिंह, डॉ अमित सिंह, कु. वंशिका,श्री तपन वर्मा, श्री मनोज पांडे, श्री देवेंद्र, राजबहादुर, रामप्रीत, रंजीत सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम न केवल योग के प्रति जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि विश्वविद्यालय परिवार को एक स्वस्थ एवं तनावमुक्त जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा भी दी। “प्रकृति और शांति का आशियाना” योग वाटिका आने वाले समय में विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय बनेगी।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट