अमेरिकी आरोपों से घिरे अडाणी की भारत में भी किरकिरी, तेलंगना ने 100 करोड़ के ऑफर को ठुकराया
हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने अडाणी ग्रुप के 100 करोड़ रुपए के डोनेशन का ऑफर लेने से मना कर दिया है। अडाणी समूह द्वारा यह डोनेशन यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी के लिए दिया जा रहा था। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस बात की जानकारी दी है। तेलंगाना सीएम ने कहा कि अडाणी ग्रुप के मौजूदा विवाद की वजह से उनकी सरकार ने यह फैसला लिया है।
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि डोनेशन लेने से राज्य सरकार और मेरी खुद की छवि को नुकसान पहुंच सकता है। मुख्यमंत्री रेड्डी ने आगे कहा कि सरकार की ओर से रविवार को ही अडाणी ग्रुप को एक चिट्ठी भेज दी गई है। उसमें अडाणी ग्रुप से यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ रुपए ट्रांसफर न करने का अनुरोध किया गया है। कई कंपनियों ने यूनिवर्सिटी को फंड दिया है, लेकिन तेलंगाना सरकार ने अब-तक किसी भी ग्रुप से अपने खाते में एक भी रुपया नहीं लिया है।
अडाणी पर धोखाधड़ी के आरोप
गौरतलब है कि भारत के रईस उद्योगपतियों की लिस्ट में शुमार गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में 20 नवंबर को सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया था।
अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार बताया
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे। पूरा मामला अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा है। अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को निराधार बताया है।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 21 नवंबर को गौतम अडाणी पर लगे करप्शन के आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था कि अडाणी जी 2 हजार करोड़ रुपए का स्कैम कर रहे हैं और बाहर घूम रहे हैं, क्योंकि पीएम मोदी उन्हें प्रोटेक्ट कर रहे हैं। गौतम अडाणी ने अमेरिका में क्राइम किया है, लेकिन भारत में उन पर कुछ नहीं हो रहा है।