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रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा वार्षिक प्रगति आख्या (कॉम्पेंडियम) 2024 जारी

बरेली,14जनवरी।रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा वर्ष 2024 की संपूर्ण वर्ष की उपलब्धियों की वार्षिक प्रगति आख्या 2024 माननीय कुलपति जी के संरक्षण में जारी की गयी, जिसमें विधि विभाग में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठियां, कॉन्फ्रेंस, महापुरुषों के जन्मदिन, तथा लॉ फैकल्टी के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को समाहित किया गया है।
संपूर्ण संग्रह को विभागाध्यक्ष डॉ अमित सिंह द्वारा संपादित किया गया है । प्रथम बार विधि विभाग द्वारा प्रगति आख्या (compendium) जारी करने पर कुलपति महोदय प्रोफेसर के. पी. सिंह ने विभाग के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं और बेहतर कार्य हेतु प्रेरित किया। विभागाध्यक्ष ने कुलपति महोदय को अवगत कराया कि विधि विभाग में इस वर्ष 209 छात्रों को विभिन्न कोर्स में प्रवेश दिया गया , विधि विभाग में संचालित कोर्स , विभाग से प्राप्त राजस्व ,शिक्षकों द्वारा प्रकाशित 62 रिसर्च व प्रकाशित 06 पुस्तकों के बारे में भी जानकारी दी। विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजीव कुमार सिंह ने भी सभी शिक्षकों को बधाई प्रेषित की ।

यह संपूर्ण वार्षिक आख्या विधि विभाग में आयोजित कार्यक्रमों, शिक्षकों व विद्यार्थियों की उपलब्धियां, वर्ष 2024 में छात्रों एवं स्कॉलर के प्रवेश , करंट कोर्सेज तथा आगामी संचालित किए जाने वाले कोर्स तथा वर्ष 2024 में विधि विभाग के संचालित कोर्सेज से प्राप्त राजस्व आदि की जानकारी देता है। संपूर्ण संग्रह को तीन भागों में विभाजित किया गया है।

प्रथम भाग में सांस्कृतिक कार्यक्रम, अभियान, महापुरुषों की जयंती, श्रद्धांजलि कार्यक्रम, शासनादेश के अनुसार अभियान कार्यक्रम, अतिथि व्याख्यान, लीगल कैंप, फ्रेशर पार्टी, फेयरवेल पार्टी,विधिक साक्षरता रैली व अन्य महत्वपूर्ण तिथियां के उत्सवों को समाहित किया गया है जिसमें राष्ट्रीय युवा दिवस ,राष्ट्रीय मतदाता ,दिवस अंबेडकर जयंती, राष्ट्रीय एकता दिवस, नेशनल विधिक सेवा दिवस ,संविधान दिवस, महानिर्वाण दिवस, सीजीपीए, मार्केट मार्कशीट डिस्ट्रीब्यूशन कार्यक्रम, बड़े विश्वविद्यालय बड़े विश्वविद्यालय अभियान, नेशनल कांफ्रेंस आदि 21 कार्यक्रमों का विधि विभाग द्वारा आयोजित किया गया जिनमें 27 जुलाई 2024 को शीर्षक नेशनल कांफ्रेंस नेगेटिव क्रिमिनल लॉ रिफॉर्म्स इन इंडिया 2023 एवं फुल वीक प्रोग्राम संविधान दिवस दिनांक 21/11/24 से 26/11/24 मुख्य आकर्षण रहे।

दूसरे भाग में 19 रिसर्च स्कॉलर उर्मिला देवी, चित्र सिंह, रूद्रेश, रामविलास मोहम्मद तारिक खान, विवेक सिंह, अखिलेश शर्मा, पूजा रानी विनीता यादव, अतुल मिश्रा, कमल किशोर, शिवांगी आदि की शोध मौखिक (Viva -vose)की प्रस्तुतियों तथा अपने शोध में की गई रिसर्च व संबंधित सुझावों को संक्षिप्त रूप में बताया गया है।

तृतीय खंड में विभाग के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों की उपलब्धियां को समाहित किया किया गया है। जिसके अंतर्गत विधि विभाग के शिक्षकों के पब्लिश रिसर्च पेपर, न्यूज़ पेपर आर्टिकल ,बुक्स, सेमिनार कॉन्फ्रेंस अतिथि लेक्चर तथा विधि विभाग मेंनेट एवम् जेआरएफ क्वालीफाई विद्यार्थियों का विवरण दिया गया है । वर्ष 2024 में शिक्षकों द्वारा 62 रिसर्च पेपर एवं 17 एडिटिंग बुक चैप्टर एवं 73 डिसर्टेशन गाइडेंस, किए गए व 6 किताबें जिनमे नेगेटिव क्रिमिनल लॉ रिफॉर्म्स इन इंडिया डॉ अमित सिंह, डोमेस्टिक वायलेंस अगेंस्ट वूमेन एंड रोल ऑफ़ प्रोटेक्शन ऑफिसर डॉ शहनाज अख्तर, साइंटिफिक फॉरेंसिक एंड द क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम एंड इंटेरोगेटिव अप्रोच मिस्टर अमित कुमार सिंह , चाइल्ड राइट्स एंड इन इंडिया डॉ अमित सिंह एवं प्रीति वर्मा , एक्सप्लोरिंग लीगल सेफगार्ड फॉर पर्सनैलिटी राइट्स इन द एरा ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डॉअमित सिंह एवं निधि शंकर द्वारा लिखीं गई है । उपलब्धियां में 22वें दीक्षांत समारोह 14 अक्टूबर 2024 को 19 शोधार्थियों को पी एच डी की उपाधि प्रदान की गई है।

रेगुलर, साइबर लॉ ,और ह्यूमन राइट्स के टॉपर अनमोल , मोहित कृष्णा वाजपेई , अनुगंज को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है । विदित हो कि विधि विभाग के सभी कोर्स के छात्र छात्राओं का रिजल्ट 100% रहा, विधि विभाग में 16 एडिटेड बुक्स चैप्टर, शिक्षकों और विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किए गए 74 प्लेसमेंट एवं 26 विद्यार्थियों द्वारा नेट /जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण की है , सात स्पेशल इनवाइटिंग लेक्चर तथा दो लीगल कैंप विधि विभाग द्वारा लगाया गया वर्ष 2024 में 209 छात्र छात्राओं ने विधि विभाग में विभिन्न कोर्सों में प्रवेश लिया है। विधि विभाग में संचालित कोर्स के माध्यम से संपूर्ण वर्ष का राजस्व प्राप्ति एक करोड़ 32 लाख 7500 रुपए है । विभाग अगले वर्ष 2025 हेतु और बेहतर कार्य की और अग्रसर है। इस वार्षिक आख्या को बनाने में डॉ शहनाज अख़्तर, अमित कुमार ,निधि शंकर,जूही नसीम, डॉ अनुराधा यादव , प्रीति वर्मा ,प्रवीण चौहान, डॉ नईम, प्रियदर्शनी रावत, रविकर यादव,राष्ट्रवर्धन आदि शिक्षकों ने अपना योगदान दिया है।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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