आईवीआरआई में वेक्टर जनित जूनोटिक रोगों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
बरेली, 22 अगस्त। आईवीआरआई के पशुजन्य जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा कल “अनुसूचित जाति उपयोजना” अंतर्गत एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 50 लाभार्थियों ने भाग लिया, जिनमें अनुसूचित जाति के सफाई कर्मी विशेष रूप से शामिल रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य सफाई कर्मियों में वेक्टर जनित जूनोटिक रोगों की रोकथाम के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, क्योंकि यह वर्ग अपने कार्यक्षेत्र की प्रकृति के कारण ऐसे रोगों के संक्रमण के अधिक जोखिम में रहता है।
कार्यक्रम का संचालन पशुजन स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बबलू कुमार और वैज्ञानिक डॉ. हिमानी धान्ज़े के सहयोग से किया गया।
इस अवसर पर डॉ. हिमानी धान्जे ने प्रतिभागियों के साथ संवादात्मक सत्र लिया, जिसमें जूनोटिक रोग, वेक्टर जनित रोग, एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध तथा फूडबोर्न पैथोजेन्स से संबंधित जानकारी प्रदान की। उन्होंने विशेष रूप से मच्छर, टिक और पिस्सू से फैलने वाले रोगों पर प्रकाश डाला तथा बरसात के मौसम में पनपने वाले डेंगू व जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे रोगों से बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ. बबलू कुमार ने अपने संबोधन में मच्छरजनित रोगों से होने वाले खतरों पर चिंता व्यक्त करते हुए समय रहते प्रभावी रोकथाम उपाय अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों जैसी संवेदनशील समुदायों को सुरक्षित रखने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।

कार्यक्रम के अंतर्गत सभी प्रतिभागियों को फोल्डेबल किंग साइज मच्छरदानियां तथा एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस, डेंगू, वेक्टर जनित रोगों और हाथों की स्वच्छता पर जानकारीपूर्ण पर्चे वितरित किए गए। इन संसाधनों का उद्देश्य प्रतिभागियों और उनके परिवारों को रोग-निरोधक उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
सफाई कर्मियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम न केवल कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि समुदाय में भी स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
