सोनी सब के तेनाली रामा में काली मां की भूमिका दोबारा निभाने पर बरखा बिष्ट ने जताई खुशी,
मुंबई, मार्च 2025: सोनी सब का लोकप्रिय शो ‘तेनाली रामा’ अपनी दिलचस्प कहानियों और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण दर्शकों का दिल जीतता आ रहा है। इस नए अध्याय में बरखा बिष्ट ने काली मां की भूमिका निभाई है, जो एक शक्तिशाली देवी के रूप में विजयनगर पर मंडरा रहे खतरे की भविष्यवाणी करती हैं। इस भविष्यवाणी के बाद तेनाली (कृष्ण भारद्वाज) सारी मुश्किलों को दूर करते हुए राज्य की सुरक्षा के लिए लौटते हैं। काली मां अपनी दिव्य उपस्थिति और मार्गदर्शन से तेनाली की यात्रा को और भी रहस्यमय और रोचक बना देती हैं। बरखा बिष्ट ने इस भूमिका को निभाने के अपने अनुभव, शो की सफलता और इससे जुड़े अन्य पहलुओं पर खुलकर बात की।
जब आपको ‘तेनाली रामा’ के नए अध्याय में काली मां की भूमिका की पेशकश की गई, तब आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
जब मुझे फिर से काली मां की भूमिका निभाने का मौका मिला, तो मैं बेहद उत्साहित थी। यह तेनाली रामा का दूसरा सीज़न है और मैंने पहले भी इस किरदार को निभाया है। इस शो में वापस आना मेरे लिए बहुत खास रहा। इसका दोबाार हिस्सा बनना वाकई में बहुत खास है। काली मां जैसी पूजनीय देवी का किरदार निभाना हमेशा एक बड़ी जिम्मेदारी होती है, खासकर भारत जैसे देश में, जहां देवी-देवताओं का विशेष स्थान है। लेकिन इससे ज्यादा मैं इस भूमिका को फिर से जीवंत करने को लेकर सम्मानित और रोमांचित महसूस कर रही हूं।
काली मां की भूमिका निभाने का सबसे संतोषजनक पहलू क्या रहा?
इस भूमिका को निभाने का सबसे बड़ा इनाम वह ज्ञान है, जो मुझे इस प्रक्रिया में मिला। हमारे पास देवी-देवताओं पर पढ़ने के लिए अनगिनत पुस्तकें हैं, लेकिन उन्हें पढ़ने का हर किसी को मौका नहीं मिलता। इस किरदार को निभाते हुए, मैंने काली मां के बारे में बहुत कुछ सीखा – उनकी शिक्षाएं, उनकी मान्यताएं और उनका इतिहास। शो में उनकी बुद्धिमत्ता और तेनाली को दी गई सीख को खूबसूरती से दर्शाया गया है, और मुझे उम्मीद है कि दर्शक भी इससे कुछ प्रेरणा लेंगे।
इतनी शक्तिशाली और भक्तों वाली देवी का किरदार निभाने के लिए आपकी तैयारी कैसी रही?
काली मां जैसी दिव्य शक्ति को पर्दे पर उतारने के लिए कोई निश्चित तैयारी नहीं हो सकती। उनके विशाल व्यक्तित्व को पूरी तरह से आत्मसात करना किसी के लिए भी आसान नहीं है। मैं बस पूरी ईमानदारी और श्रद्धा के साथ इस भूमिका को निभाने की कोशिश करती हूं, ताकि दर्शक इससे जुड़ाव महसूस कर सकें।
इस बार काली मां के किरदार में क्या नए बदलाव देखने को मिलेंगे?
काली मां एक कालातीत देवी हैं, इसलिए उनका मूल स्वरूप और सिद्धांत समान हैं। हालांकि, इस बार उनकी उपस्थिति कहानी में अधिक प्रमुखता से जाहिर होती है। वह तेनाली रामा को न केवल मार्गदर्शन देती हैं, बल्कि कई महत्वपूर्ण मोड़ों पर उनका हौसला भी बढ़ाती हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बार दर्शक उनके व्यक्तित्व को और भी गहराई से महसूस करेंगे।
पौराणिक किरदार निभाने का कलाकारों पर असर होता है। क्या इस भूमिका का आपके व्यक्तिगत जीवन पर कोई प्रभाव पड़ा है?
बिल्कुल। हर किरदार का अभिनेता पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन कुछ किरदार दिल में घर कर जाते हैं। काली मां का चरित्र शक्ति, साहस और आत्म-सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस किरदार ने मुझे भी यह सिखाया है कि हर महिला के भीतर एक काली मां होती है। यह भूमिका मुझे बार-बार याद दिलाती है कि हमें अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानना चाहिए और हर परिस्थिति का सामना साहस से करना चाहिए। अक्सर हम अपनी ताकत को भूल जाते हैं, लेकिन यह भूमिका उसे याद रखने और उसे गले लगाने के
तेनाली रामा के सेट पर आपका अनुभव कैसा रहा? सह-कलाकारों के साथ कोई यादगार पल साझा करना चाहेंगी?
‘तेनाली रामा’ पर काम करना एक बेहतरीन अनुभव रहा है। मैंने इस प्रोडक्शन टीम के साथ पहले भी काम किया है और यह इस इंडस्ट्री की सबसे अच्छी टीमों में से एक है। ऐसी टीम के साथ काम करना हमेशा सुखद होता है। खासतौर पर कृष्ण भारद्वाज का ज़िक्र करना चाहूंगी, जो तेनाली की भूमिका निभा रहे हैं। उनका हिंदी भाषा पर अद्भुत नियंत्रण है। शो के जटिल और लंबे संवादों को वह इतनी सहजता से निभाते हैं कि देखना सच में प्रेरणादायक होता है। कई मौके ऐसे आए हैं, जब मैं उन्हें देखकर अवाक् रह गईं और चकित रह गई कि आखिर वह यह कैसे कर रहे हैं। जब सभी लोग पश्चिमी संस्कृति की ओर तेजी से बढ़ …