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Birthday Special – सहायक निर्देशक से लेकर ब्लॉकबस्टर फिल्म निर्माता तक: एटली के सफ़र पर एक नज़र

सहायक निर्देशक के रूप में पर्दे के पीछे काम करने से लेकर भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्मों का निर्देशन करने तक का सफर तय करना एक दुर्लभ उपलब्धि है। लेकिन एटली कुमार, भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक, ने अपने लिए एक अनोखी जगह बनाई है। अपने संक्षिप्त करियर में, एटली भारतीय फिल्म उद्योग में सबसे अधिक मांग वाले निर्देशकों में से एक के रूप में उभरे हैं।

अपने करियर के शुरुआती चरणों में एटली ने निर्देशक शंकर के साथ काम करते हुए अनुभव प्राप्त किया, जहां उन्हें फिल्म निर्माण की बारीकियों से परिचित होने का मौका मिला, जैसे कि मजबूत कहानी कहने का महत्व, तकनीकी महारत और शानदार दृश्य। 2013 में “राजा रानी” के निर्देशन के बाद, एटली को फिल्म की आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता के कारण भारतीय सिनेमा में एक नए निर्देशक के रूप में पहचाना जाने लगा।

एटली ने अपनी पहली फिल्म से ही दिखा दिया था कि वह जनसामान्य की पसंद और शक्तिशाली भावनात्मक कहानियों के बीच संतुलन बना सकते हैं। उनकी कहानियाँ विचारोत्तेजक, हास्यप्रद और दर्शकों को प्रभावित करने वाली होती थीं। एटली की सफलता तब हुई जब उन्होंने तमिल सिनेमा के सुपरस्टार विजय के साथ “थेरि” (2016) में सहयोग किया।

“थेरि” के बाद उन्होंने विजय के साथ “मर्सल” (2017) और “बिगिल” (2019) में भी काम किया। दक्षिण भारतीय सिनेमा में सफल शुरुआत के बाद, एटली ने शाहरुख खान अभिनीत हाई-ऑक्टेन एक्शन थ्रिलर “जवान” (2023) के साथ अपना सबसे बड़ा कदम उठाया।

“जवान” की वैश्विक सफलता ने साबित कर दिया कि एटली ऐसी कहानियाँ बना सकते हैं जो हर वर्ग के दर्शकों से जुड़ें। भारतीय सिनेमा की दुनिया में एटली का उदय एक प्रेरणा है, जो यह दिखाता है कि समर्पण और एक अनोखे दृष्टिकोण के साथ, कोई भी जमीनी स्तर से उठकर एक लीडर बन सकता है और एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर के साथ इंडस्ट्री का चेहरा बदल सकता है।

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