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संसद में भी गूंजा विद्यार्थियों की मौत का मामला, अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर,JE बर्खास्त, AE सस्पेंड

नई दिल्ली : दिल्ली के राजेंद्र नगर में कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से यूपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की हुई मौत के मामले में अब एमसीडी जाग चुका है और कोचिंग के आसपास के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला दिया है। वही इस मामले को लेकर दिल्ली नगर निगम की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर अश्वनी कुमार ने स्थानीय JE को टर्मिनेट किया और AE को निलंबित किया है. हादसे के बाद अधिकारियों पर निगम की पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में कथित अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मौके पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं। इसके साथ ही संसद में भी यह मुद्दा जमकर गूंज रहा है।

जानकारी के मुताबिक, घटनास्थल के आसपास के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए एमसीडी के पांच बुलडोजर पहुंचे और अब नालों के ऊपर बनाए गए रैंप और अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जा रहा है। विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार ये आरोप लगाया जा रहा है कि नालों की सफाई करवाने की जिम्मेदारी एमसीडी की थी और दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने उसमें कोताही बरती है। जिसकी वजह से यह पूरी घटना हुई।

इस घटना के बाद छात्रों ने भी धरना प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी करवाई होनी चाहिए। छात्र इस घटना के बाद से ही कोचिंग के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि ज्यादातर कोचिंग संस्थानों में बेसमेंट के अंदर ही पढ़ने लिखने की सुविधा छात्रों को मुहैया कराई जा रही है। संसद में भी नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज ने यह सवाल उठाया कि जब दिल्ली में नालों की सफाई और सिल्ट निकालने का काम दिल्ली सरकार की एमसीडी के पास है तो उसमें कोताही क्यों बरती गई और अधिकारियों ने सिर्फ पेपरों पर खानापूर्ति करते हुए दिल्ली के सभी नालों को साफ बता दिया था और अब जब इतना बड़ा हादसा हुआ है तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है।