मुख्य राम मंदिर को परकोटा से जोड़ने के लिए लिफ्ट और ब्रिज का हो रहा निर्माण
डा विशाखा श्रीवास्तव
अयोध्या। राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक सर्किट हाउस में तीसरे अंतिम दिन संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने की। बैठक में मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों के अलावा निर्माण कंपनी की इंजिनियरिंग टीम के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में परकोटा को मुख्य मंदिर से जोड़ने की व्यवस्था के साथ परिसर में स्थापित फाइबर के अस्थाई मंदिर को मजबूती देकर पुनः उसी स्थान पर स्थापित करने को लेकर निर्णय किया गया।
बैठक की जानकारी मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि मंदिर के परकोटा से मुख्य मंदिर को जोड़ने के लिए पश्चिम हिस्से से ब्रिज और लिफ्ट का निर्माण किया जा रहा है। जिससे श्रद्धालुओं को परकोटा के मंदिरों से मुख्य मंदिर में पहुंचना सुविधा जनक हो सके।
उन्होंने बताया कि प्रथम तल के सभी दरवाजों पर सोना लगाया जाए या नहीं इस पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है ।
अस्थाई मंदिर बनेगा यादगार स्थल -नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि तीसरे दिन की बैठक में मंदिर परिसर में स्थापित अस्थाई मंदिर के सुदृढ़ीकरण पर भी गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि इस समय जहां फाइबर का यह मंदिर स्थापित है वह काफी ऊंचाई पर है।इसकी नीचे ले जाने पर निर्णय किया गया। चूंकि यह लकड़ी के बेस पर खड़ा है जिसके चलते इसकी मजबूती भी मंदिर के भवन की तुलना में बहुत कम है।अब तय हुआ है इसे भी मजबूती देकर पुनः उसी स्थान पर स्थापित किया जाए। चूंकि इस अस्थाई मंदिर से 1949से राम लला की पूजा का इतिहास जुड़ा है उसे भी संजोए रखने के लिए उस समय के सिंहासन जिस पर अस्थाई मंदिर में राम लला विराजमान थे जिस टाट के मंदिर में राम लला ने लंबा समय बिताया उसे भी इसी में संरक्षित किया जाएगा। सिंहासन और टाट मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के पास सुरक्षित रखा है। उन्होंने बताया कि अस्थाई मंदिर भी दर्शनार्थियों के लिए आकर्ष का केंद्र बनेगा।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के शिखर पर दो लाइटे लगाई गई है।, एक है एविएशन सिग्नल जो हवाई जहाज के लिए संकेतक के तौर पर काम करेगा तो दूसरा अरेस्टर (तड़ित चालक )है जो आकाशीय बिजली से राम मंदिर को सुरक्षित करने के लिए लगाया गया है । यह आकाशीय बिजली को सीधा जमीन में उतारेगी ।मिश्र के मुताबिक शिखर पर केवल ध्वज लगाने का कार्य शेष बचा है। तीन-चार महीने बाद शिखर लगाया, जाएगा । शिखर का निर्माण भी 30 जून तक हो ज
पूरा हो जाएगा।