Top Newsदेशराज्य

दलाई लामा ने चीन को दिया क्लियर मैसेज, बता दिया कौन चुनेगा उत्तराधिकारी

धर्मशाला: तिब्बत के आध्यात्मिक नेता और बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि 600 साल पुरानी संस्था उनकी मृत्यु के बाद भी काम करती रहेगी और उनके भावी पुनर्जन्म का चयन करेगी। दलाई लामा के इस बयान के बाद चीन की उछलकूद बंद हो जाएगी। जिसमें वह 15वें दलाई लामा की नियुक्ति में भूमिका की बात कर रहा था।

बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में, 14वें दलाई लामा ने घोषणा की कि दलाई लामा का कार्यालय, गादेन फोडरंग ट्रस्ट अकेले ही 15वें पुनर्जन्म की मान्यता पर निर्णय लेगा। जबकि चीन, दखलंदाजी इसलिए चाहता था कि वह दलाई लामा को अपने पाले में कर के तिब्बत पर अधिकार जमा सके।

याद दिलाया 2011 का बयान
तिब्बत में बौद्ध धर्म के सर्वोच्च नेता ने कहा, “भविष्य के दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया 24 सितंबर 2011 के बयान में स्पष्ट रूप से बताई गई है, जिसमें कहा गया है कि ऐसा करने की जिम्मेदारी विशेष रूप से गादेन फोडरंग ट्रस्ट, परम पावन दलाई लामा के कार्यालय के सदस्यों पर है।”

दलाई लामा ने आगे कहा, “उन्हें कई तिब्बती बौद्ध परंपराओं के प्रमुखों और विश्वसनीय शपथ लेने वाले धर्म रक्षकों से परामर्श करना चाहिए जो दलाई लामाओं की वंशावली से अविभाज्य रूप से जुड़े हुए हैं। उन्हें तदनुसार पिछली परंपरा के अनुसार खोज और मान्यता प्रक्रियाओं को पूरा करना चाहिए।

दलाई लामा ने स्पष्ट रूप से कहा कि “मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट को भविष्य के पुनर्जन्मों को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। किसी और को इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई हक नहीं है।”6 जुलाई को दलाई लामा के 90वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले जारी किए गए इस बयान का असर दुनिया भर में उनके लाखों बौद्ध अनुयायियों पर पड़ेगा। यह बीजिंग के लिए भी एक संदेश है, जो लंबे समय से इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तिब्बती धार्मिक परंपराओं को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है।