Dhanteras 2023: धनतेरस आज, किस मुहूर्त में करें खरीदारी, क्या है पूजा का विधि-विधान?
धनतेरस के साथ ही दिवाली के पंचदिवसीय महापर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन नया सामान खरीदने की परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कोई भी नई चीज खरीदकर लाने से घर में धन की वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि का वास होता है. इस दिन कुछ भी नई चीज खरीदने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है जिसके अनुसार ही खरीदारी की जाती है. किस शुभ मुहूर्त में क्या चीज खरीदनी चाहिए और कैसे करें इस दिन पूजा?
धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदना बेहद ही शुभ माना जाता है. इस दिन लोग झाड़ू से लेकर गाड़ी, घर आदि चीजें खरीदते हैं. अगर आप आज धनतेरस के शुभ अवसर पर सोना-चांदी खरीदने जा रहे हैं तो आपको शुभ मुहूर्त का पता होना बहुत जरूरी है.
दिवाली पर पूजा के लिए धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने की मान्यता है. आज के दिन आप लक्ष्मी-गणेश की सोना चांदी की मूर्ति भी खरीद सकते हैं. इस दिन खरीदे गए सोना चांदी के सिक्के खरीदना भी शुभ होता है. सोने चांदी की चीजों के अलावा आप पीतल, तांबे और स्टील की वस्तुएं भी खरीद सकते हैं. मान्यता है कि इस दिन अगर आप कोई भी बर्तन खरीद रहे हैं तो उसे घर में खाली न लाएं. खाली लाने की जगह. आप उसमें कोई अनाज, चावल या पानी भी भरकर ला सकते हैं. धनतेरस के दिन से ही घर में दीपक जलाया जाता है.
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस का दिन ही खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है लेकिन पंचांग के अनुसार, 10 नवंबर धनतेरस के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:56 से शुरू होकर 2:06 तक रहेगा. उसके बाद शाम 4:16 से 5:26 तक रहेगा. अगर आप इस शुभ मुहूर्त के दौरान खरीदारी नहीं कर पाते हैं तो आप अगले दिन 11 नवंबर तक कुछ भी खरीद सकते हैं.
धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन देवता कुबेर भगवान की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:47 से शुरू होकर 7:47 तक रहेगा. इन 2 घंटों को दौरान आप माता का पूजन कर सकते हैं. साथ ही प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त 8:08 तक रहेगा. धनतेरस पर दीपदान के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5:47 बजे से 8:26 तक है.
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस के दिन किसी चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें.
इसके बाद उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें और फिर मां लक्ष्मी, धन्वंतरि भगवान और कुबेर भगवान की मूर्ति की स्थापना करें.
उसके बाद इन देवी-देवताओं के सामने शुद्ध गी का दीपक, अगरबत्ती और धूप जलाएं और उनके सामने लाल फूल अर्पित करें.
धनतेरस के दिन आप जो भी तांबे, धातु या सोने का खरीदकर लाएं, उसे चौकी पर भगवान के सामने रख दें.
इसके बाद लक्ष्मी स्त्रोत, लक्ष्मी चालीसा, कुबेर यंत्र, कुबेर स्त्रोत और लक्ष्मी यंत्र का पाठ करें.
धनतेरस पर इस विधि से पूजा करने के बाद लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें और भोग जरूर लगाएं.