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जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा की

बरेली, 29 मई। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने विगत दिवस देर सायं बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में की।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार बजट का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा पर व्यय करती है फिर भी ड्रापआउट की समस्या क्यों है इस समस्या का निदान किया जाए और इस कार्य में समस्त ए0बी0एस0ए0 व शिक्षकगण भी ध्यान दें।

बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइमरी विद्यालयों में छात्र/छात्राओं व शिक्षकों की उपस्थिति को विशेष रूप से देखा जाए और सुधार करने के प्रयास किए जाएं।

बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विद्यालय में बच्चों को दिए जाने वाले दूध की गुणवत्ता की जांच हेतु लैक्टोमीटर की उपलब्धता करायी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गांव के स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन हेतु प्रेरित करें और उन्हीं से विद्यालयों में दूध की आपूर्ति कराई जाए, जिससे स्वयं सहायता समूह भी सशक्त होंगे और बच्चों को भी पौष्टिक आहार मिलेगा। जनपद के कस्तूरबा विद्यालयों में भोजन बनता है उसमें मसालों आदि का क्रय किया जाता है वह भी स्वयं सहायता समूहों से क्रय किया जाए।

बैठक में जिलाधिकारी ने रसोईयों के मानदेय दिए जाने के सम्बन्ध में जानकारी करी, जिस पर अवगत कराया गया कि जनपद में 6101 रसोईया कार्यरत हैं, जिनका मार्च 2025 तक का भुगतान हो गया है। परिधान के रुप में साड़ी की धनराशि भी दे दी गयी है। जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समस्त ए0बी0एस0ए0 विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान रसोईयों का हाल-चाल भी पूछें और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लें, मानदेय समय से मिल रहा है या नहीं इसकी भी जानकारी लें।

बैठक में जिला विकास अधिकारी दिनेश कुमार यादव, जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक अजीत सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह, समस्त ए0बी0एस0ए0 सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट