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भैंस का मालिक कौन, झगड़ा सुलझाने के लिए डीएनए टेस्ट; जाने क्या है मामला

बेंगलुरु : कर्नाटक में एक बेहद दिलचस्प मामला आया है। यहां एक भैंस का मालिकाना हक तय करने के लिए उसका डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। असल में यह भैंस एक मंदिर की है और सैकड़ों लोग इसकी पूजा करते हैं। लेकिन भैंस का मालिक कौन है, इसको लेकर दो गांवों में विवाद हो गया है। मामला कर्नाटक के देवनागरी जिले का है, जहां कुनीबेलाकेर और कुलगत्ते गांव के बीच लड़ाई है। दोनों गांवों के बीच की दूरी करीब 40 किमी है। फिलहाल भैंस को शिवमोगा गौशाला में पुलिस कस्टडी में रखा गया है। बता दें कि देवनागरी जिले में साल 2021 में भी ठीक ऐसा ही विवाद हुआ था। तब भी भैंस के मालिकाना का विवाद डीएनए टेस्ट से ही हल हुआ था।

आठ साल पहले कुनीबेलाकेर गांव की करियम्मा देवी को एक भैंस समर्पित की गई थी। वहीं, बेलेकर गांव में हाल ही में एक भैंस पाई गई। दावा है कि यह भैंस होनाली तालुक के कुलगत्ते गांव से गायब हुई थी। कुलगत्ते गांव के लोग इस भैंस को अपने यहां लेकर चले गए। इसी गांव के मंडप्पा रंगनवार का कहना है कि यह भैंस दो महीने से गायब है। अब कुनीबेलाकर गांव के लोग इस भैंस पर अपना अधिकार जता रहे हैं। मामले में विवाद बढ़ने के बाद पुलिस को दखल देना पड़ा है।

भैंस की उम्र को लेकर भी विवाद है। कुनीबेलाकर के लोगों का दावा है कि उसकी उम्र आठ साल है। वहीं, कुलगत्ते के लोग भैंस की उम्र तीन साल बता रहे हैं। पशु चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद इसकी उम्र छह साल बताई गई है, जो कुनीबेलाकर गांव के दावे के करीब है। हालांकि कुलगत्ते गांव के लोग इस पर सहमत नहीं हैं। इसके बाद इन लोगों ने कुलगत्ते गांव के सात लोगों पर चोरी का केस दर्ज करा दिया और डीएनए टेस्ट की मांग की। देवनागरी जिले के एडिशनल एसपी विजयकुमार संतोष ने बताया कि डीएनए सैंपल कलेक्ट कर लिया गया है। रिजल्ट आने के बाद मामला सुलटा लिया जाएगा।

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