भारतीय पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के जनक पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन जी 133वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुस्तकालय संघ- लखनऊ शाखा की ओर से राजकीय पॉलीटेक्निक, अयोध्या रोड, लखनऊ के सभागार में भारतीय पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के जनक पद्मश्री डॉ. एस आर रंगनाथन जी 133वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री एस एन सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ और मुख्य वक्ता डॉ. प्रवीश प्रकाश, एसोसिएट प्रोफेसर, पुस्तकालय विज्ञान विभाग, लविवि रहे।
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन एवं रंगनाथन जी के चित्र पर पुष्पाजंलि से प्रारंभ हुआ। मुख्य अतिथि एस एन सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि पुस्तकालय की उपादेयता कभी समाप्त नहीं हो सकती। लाइब्रेरियन को अपने पाठकों हेतु उत्तम वातावरण बनाने की आवश्यकता होती है जिससे पाठको की पुस्तकालय में रुचि बढ़े। पुस्तकालय में नवीनतम पुस्तकों का समावेश होते रहना चाहिए, इसके लिए स्पष्ट नीति होनी चाहिए।


मुख्य वक्ता डॉ. प्रवीश प्रकाश ने कहा कि पुस्तकालय विज्ञान से जुड़े सभी लोगो को रंगनाथन जी के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए। लाइब्रेरियन को आधुनिकतम तकनीकी को आत्मसाथ कर अपने पाठकों को नवीनतम सूचनाएं उपलब्ध करने की दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। जिससे समाज मे उनकी अलग पहचान बन सके। पुस्तकालयों में शैक्षिक विमर्श एवं परिचर्चा का आयोजन निरन्तर होना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सेक्रेटरी कुँवर अभिषेक प्रताप ने किया और अध्यक्ष विनोद कुमार मिश्र ने आए हुए समस्त अतिथियों को धन्यवाद देकर आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम समिति में मो.एहतिशाम, सुशील त्रिपाठी, हिमांशु अंचल, अफरोज आलम, सुनील कुमार और लखनऊ के विभिन्न संस्थानों के लाइब्रेरियन उपस्थित रहे।
