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UN के परिसर पर ड्रोन हमला, संयुक्त राष्ट्र के छह शांति सैनिकों की मौत

नई दिल्ली: सूडान के दक्षिण कोर्दोफान प्रांत की राजधानी काडुगली में संयुक्त राष्ट्र के एक परिसर पर ड्रोन हमला हुआ। इस हमले में कम से कम छह संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। सूडान के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

रिपोर्ट के अनुसार, सूडानी सशस्त्र बलों ने इस हमले के लिए अर्धसैनिक संगठन रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) पर आरोप लगाया है। हालांकि, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने इन आरोपों को खारिज किया है। एसएएफ का कहना है कि ड्रोन से तीन मिसाइलें दागी गईं, जो संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय और बांग्लादेश बटालियन के क्षेत्र में गिरीं। इस हमले से संयुक्त राष्ट्र का एक भंडारण केंद्र भी आग की चपेट में आ गया।

हमले में हताहत सभी लोग बांग्लादेश बटालियन के सदस्य थे, जो सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादित क्षेत्र अबेई के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल का हिस्सा है। इस बीच, सूडान की ट्रांजिशनल सॉवरेन काउंसिल ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। काउंसिल ने इसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षित परिसरों पर हमला करना बेहद खतरनाक और आपराधिक कृत्य है।

परिषद ने रैपिड सपोर्ट फोर्सेज को इस हमले के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया और संयुक्त राष्ट्र तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे मानवीय कर्मियों और संयुक्त राष्ट्र परिसरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।

वहीं, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने कहा है कि उसने कोई हवाई हमला नहीं किया। संगठन का दावा है कि उस पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और उसकी छवि खराब करने की कोशिश है। आरएसएफ ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर हमलों के मामले में उसका रिकॉर्ड “पूरी तरह से साफ” है। उसने यह भी कहा कि वह पहले भी संयुक्त राष्ट्र और मानवीय कर्मियों की सुरक्षा में सहयोग करता रहा है।

गौरतलब है कि सूडान में अप्रैल 2023 से एसएएफ और आरएसएफ के बीच भीषण संघर्ष चल रहा है। इस संघर्ष में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।

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