वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्नव मंत्रालयों से की अपील, अपने तिमाही टारगेट को सेट करने की रही बात
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजटीय पूंजीगत व्यय पर एक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कुछ विभिन्न मंत्रालयों को पूंजीगत व्यय के लिए तिमाही लक्ष्य तय करने के महत्व के बारे में बताया है। साथ ही उन्होंने साल के बाकी महीनों में किए जाने वाले खर्चों में तेजी लाने की बात पर भी जोर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय यानी एमओआरटीएच तथा दूरसंचार विभाग के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय पर एक समीक्षा बैठक में सीतारमण ने संबंधित मंत्रालयों को कार्यान्वयन में तेजी लाने को कहा। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में ही जून और सितंबर तिमाही के लक्ष्यों की भरपाई करने का आह्वान भी किया।
समीक्षा बैठकों की एक श्रृंखला निर्धारित
सीतारमण की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय वाले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ समीक्षा बैठकों की एक श्रृंखला निर्धारित की गई है। बैठक के दौरान सीतारमण ने तिमाही लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें तय समयसीमा के भीतर हासिल करने के लिए कहा। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय आवंटन वित्त वर्ष 2019-20 में 1.42 लाख करोड़ रुपये से 90 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 2.72 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
पूंजीगत व्यय योजनाओं से कराया अवगत
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बाकी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय योजनाओं से अवगत कराया। संचार मंत्रालय के संबंध में समीक्षा के दौरान भारत नेट कार्यक्रम, 4जी मोबाइल परियोजनाओं, स्वदेशी प्रौद्योगिकी, स्पेक्ट्रम के लिए नेटवर्क, और अन्य मोबाइल परियोजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय योजनाओं पर चर्चा की गई। वित्त वर्ष 2024-25 में संचार मंत्रालय के लिए अनुमानित पूंजीगत व्यय बजटीय आवंटन 28,835 करोड़ रुपये है।
एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता
आपको बता दें कि मंगलवार को आयोजित पहली ऐसी बैठक में, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय के लिए बजटीय पूंजीगत व्यय पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। समीक्षा बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और दूरसंचार विभाग के सचिवों ने भी भाग लिया था।