‘सभी के लिए सुलभ व सस्ती स्वास्थ्य सेवा’ के थीम के साथ केन्द्रीय संचार ब्यूरो, लखनऊ के पाँच दिवसीय कार्यक्रम का हुआ सफल समापन
लखनऊ, 18 अक्टूबर 2025
“दिव्यांगजनों हेतु समावेशी और सुलभ स्वास्थ्य सेवायें सर्वोपरि होती हैं।” – प्रो. हिमांशु शेखर झा “सरकारी अस्पतालों में सस्ती और सुलभ जाँच व उपचार सुविधाओं से आम आदमी को लाभ मिल रहा है।” – डॉ. सूर्य कांत “आज का भारत समाज के अंतिम व्यक्ति के बारे में भी सोच रहा है,” – डॉ. अमित कुमार राय “प्रधानमंत्री जन औषधि योजना” यह सुनिश्चित कर रही है कि गरीबों पर महंगी दवाओं का भार न पड़े।” – डॉ. ज्ञान चंद “स्वच्छ भारत अभियान ने एक अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जन-आंदोलन को जन्म दिया है।” – डॉ. सतीश कुमार
केन्द्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी), लखनऊ द्वारा डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित “विकसित भारत का अमृत काल: सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण के 11 साल” विषय पर पाँच दिवसीय मल्टीमीडिया प्रदर्शनी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। आज का कार्यक्रम ‘सभी के लिए सुलभ व सस्ती स्वास्थ्य सेवा’ विषय को समर्पित रहा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. हिमांशु शेखर झा, राज्य आयुक्त (दिव्यांगजन), उत्तर प्रदेश रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथि डॉ. सूर्य कांत, विभागाध्यक्ष श्वसन रोग, केजीएमयू; प्रोफेसर डॉ. ज्ञान चंद, एंडोक्राइन विभाग, पीजीआई, लखनऊ; डॉ सतीश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, केजीएमयू और डॉ. अमित कुमार राय, राज्य उपायुक्त (दिव्यांगजन), उत्तर प्रदेश, उपस्थित थे।
प्रो. हिमांशु शेखर झा ने अपने संबोधन में दिव्यांगजनों हेतु समावेशी और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोपरि बताया। उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं को सुगम बनाने की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “दिव्यांगता प्रमाण पत्र को जारी करने को सुगम बनाने का कार्य किया गया है।” प्रो. झा ने समाज के हर वर्ग, विशेषकर दिव्यांगजनों तक ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाने के लिए “केंद्रीय संचार ब्यूरो की ऐसे कार्यक्रम करवाने की अत्यंत प्रशंसा की।”
डॉ. सूर्य कांत ने श्वसन संबंधी रोगों और उनके निवारण पर विशेषज्ञ जानकारी दी। उन्होंने टीबी उन्मूलन जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनों में भारत की प्रगति की सराहना की और बताया कि कैसे सरकारी अस्पतालों में सस्ती और सुलभ जाँच व उपचार सुविधाओं से आम आदमी को लाभ मिल रहा है। डॉ. सूर्य कांत ने वायु प्रदूषण के खतरों और वृक्षारोपण की महत्वता पर ज़ोर दिया और “वायुमित्र अभियान” की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना” और “सौभाग्य” जैसी योजनाओं ने अप्रत्यक्ष रूप से लोगों के स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डाला है।
डॉ. अमित कुमार राय ने दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य लाभों और पुनर्वास सेवाओं पर प्रकाश डाला और कहा “जागरूकता बहुत जरूरी है।” उन्होंने उदाहरण दिया कि जागरूकता बढ़ने से ही आज भारत पोलियो-मुक्त है। उन्होंने कहा, “आज का भारत समाज के अंतिम व्यक्ति के बारे में भी सोच रहा है,” और दिव्यांगजनों के लिए विशेष विश्वविद्यालयों की स्थापना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
डॉ. ज्ञान चंद ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे करोड़ों लोगों को हृदय रोगों से लेकर कैंसर तक का इलाज मुफ्त मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा, “डिजिटल हेल्थ मिशन ने गरीब लोगों के लिए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुँचना अत्यंत सुगम बना दिया है,” और “प्रधानमंत्री जन औषधि योजना” यह सुनिश्चित कर रही है कि गरीबों पर महंगी दवाओं का भार न पड़े।

डॉ. सतीश कुमार ने स्वास्थ्य की वृहद परिभाषा देते हुए कहा, “एक अच्छा स्वास्थ्य तभी कहा जा सकता है जब हम शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय, हर तरह से स्वस्थ हों।” उन्होंने स्वच्छता का स्वास्थ्य से सीधा संबंध बताते हुए कहा कि “स्वच्छ भारत अभियान ने एक अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जन-आंदोलन को जन्म दिया है।” उन्होंने “प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना” के तहत देश भर में नए एम्स खोले जाने की भी सराहना की।
डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य श्री संजय सिंह ने समापन दिवस के कार्यक्रम के बारे में अपने संदेश में कहा कि केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, लखनऊ द्वारा आयोजित किया गया सात दिवसीय प्रचार प्रसार कार्यक्रम अत्यंत ही ज्ञानवर्धक एवं महत्वपूर्ण था। कार्यक्रम में वक्ताओं के द्वारा प्रकट किए गए विचार विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए अत्यंत ही उपयोगी थे। डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, लखनऊ का आभार व्यक्त किया।
इस पाँच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, ‘ऑपरेशन सिन्दूर’, ‘चंद्रयान, ‘किसानों का सम्मान’, ‘नारी शक्ति’ और ‘अमृत पीढ़ी’ जैसे विषयों पर आधारित 80 से अधिक पैनलों वाली चित्र प्रदर्शनी छात्रों और आम नागरिकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र बनी रही। प्रतिदिन आयोजित किए गए प्रश्नोत्तरी, मैजिक शो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस पूरे आयोजन के दौरान हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं (जैसे भाषण, चित्रकला, मेहंदी, गायन, वाद-विवाद, काव्य पाठ आदि) में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं को समापन समारोह में प्रमाण पत्र के साथ पुरस्कृत किया गया।
सीबीसी निदेशक श्री मनोज कुमार वर्मा ने समापन सत्र में सभी अतिथियों, विश्वविद्यालय प्रशासन, मीडिया प्रतिनिधियों और आगंतुकों का इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम समापन के मौके पर केंद्रीय संचार ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री जय सिंह, श्री लक्ष्मण शर्मा, श्री अमन त्रिपाठी, श्री प्रेम सिंह नेगी, श्री जितेंद्र पाल सिंह और विश्वविद्यालय के डॉ यशवंत विरोदय प्रोफेसर, डॉ कौशिकी सिंह, डॉ सुधा सिंह, डॉ अभिषेक सिंह, डॉ रणजीत सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी व गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री राजेंद्र विश्वकर्मा “हरिहर” द्वारा किया गया।
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